मतदाता सूची में गड़बड़ी का खुलासा, पूर्व कलेक्टरों और अधिकारियों के नाम अब भी दर्ज, पूर्व राजस्व मंत्री ने उठाए सवाल

कोरबा। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा देश में वोट चोरी का मुद्दा उठाए जाने के बाद कोरबा के पूर्व राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने जिला निर्वाचन विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने डिंगापुर मतदान केंद्र की मतदाता सूची में व्यापक अनियमितताओं का खुलासा करते हुए दस्तावेज प्रस्तुत किए हैं। अग्रवाल ने आरोप लगाया है कि कोसाबाड़ी वार्ड क्रमांक 36 के डिंगापुर मतदान केंद्र क्रमांक चार की मतदाता सूची में चार पूर्व कलेक्टरों और अन्य अधिकारियों के नाम अब भी दर्ज हैं, जिनका स्थानांतरण और सेवानिवृत्ति वर्षों पहले हो चुकी है।

मतदाता सूची में अनियमितताओं का विवरण:

अग्रवाल ने राज्य और भारत निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर बताया कि नगरीय निकाय चुनाव के लिए जारी मतदाता सूची में गंभीर त्रुटियां हैं। डिंगापुर मतदान केंद्र की सूची में शामिल नाम:

पूर्व कलेक्टर: रानू साहू (स्थानांतरण: 1 जुलाई 2022), मोहम्मद कैसर अब्दुल हक (6 फरवरी 2019), किरण कौशल (7 जून 2021), और सौरभ कुमार (4 जनवरी 2024) का नाम अब भी सरकारी आवास (सी-दो) के पते पर दर्ज है।

अन्य अधिकारी: डिप्टी कलेक्टर रुचि शार्दुल, अपर कलेक्टर प्रियंका महोबिया, कोषालय अधिकारी गौरीशंकर जागृति, और सेवानिवृत्त डिप्टी कलेक्टर बीएस मरकाम (2022 में सेवानिवृत्त) और जिला खाद्य अधिकारी एच मसीह (सेवानिवृत्त) के नाम भी सूची में हैं।

अन्य मामले: रौनक ठाकुर और रोशनी ठाकुर सहित परिवार के चार लोग, जो पिछले पांच साल से बिलासपुर में रह रहे हैं, उनके नाम भी सूची में यथावत हैं।

गंभीर सवाल और आरोप

अग्रवाल ने कहा कि वर्तमान कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी अजीत वसंत, जो उसी सरकारी आवास में रहते हैं, वहां दर्ज मतदाताओं की त्रुटियों को सुधार नहीं कर सके। उन्होंने सवाल उठाया कि जब एक आवास की सूची में सुधार नहीं हो सका, तो पूरे जिले की मतदाता सूची की विश्वसनीयता पर कैसे भरोसा किया जा सकता है? उन्होंने आशंका जताई कि पूर्व कलेक्टरों के नाम उनके नए पदस्थापना स्थानों पर भी जुड़े हो सकते हैं, और कई दिवंगत व्यक्तियों के नाम भी सूची में हो सकते हैं। इसके अलावा, सैकड़ों मतदाताओं के नाम दो बार दर्ज होने की शिकायत भी सामने आई है।

निर्वाचन आयोग से मांग

अग्रवाल ने मांग की है कि कोरबा और पूरे छत्तीसगढ़ की मतदाता सूची की निष्पक्ष जांच की जाए। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र और चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल उठाता है। एक मतदान केंद्र में इतनी गड़बड़ियां सामने आने के बाद पूरे निगम के 67 वार्डों और प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में ऐसी त्रुटियों की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।

यह मामला कोरबा में मतदाता सूची की विश्वसनीयता और निर्वाचन प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़े करता है। अग्रवाल ने निर्वाचन आयोग से त्वरित कार्रवाई और पूरे प्रदेश की मतदाता सूची की जांच की मांग की है ताकि चुनावी प्रक्रिया पर जनता का भरोसा बना रहे।