छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड की नई नीति: अब डिमांड के आधार पर बनेंगे मकान, 2,367 मकान बिक्री के लिए बाकी

रायपुर। छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड अब डिमांड बेस्ड प्रोजेक्ट पर काम करेगा। वित्त और आवास मंत्री ओपी चौधरी ने गुरुवार को विधानसभा में बताया कि सरकार ने हाउसिंग बोर्ड की कार्यशैली में बदलाव करते हुए नई आवास नीति लागू की है। यह जानकारी विधायक अजय चंद्राकर के सवाल के जवाब में दी गई।


मंत्री ने बताया कि अब बिना मांग के कोई प्रोजेक्ट शुरू नहीं होगा। किसी योजना के लिए 60% प्री-बुकिंग होने पर टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी, और तीन महीने में 30% बुकिंग होने पर भी प्रोजेक्ट को मंजूरी मिलेगी।

हाउसिंग बोर्ड ने दीनदयाल, अटल आवास, अटल विहार और सामान्य आवास योजनाओं के तहत 80,870 मकान बनाए, जिनमें से 78,503 बिक चुके हैं, जबकि 2,367 मकान खाली हैं। ये मकान जर्जर नहीं हैं और इन्हें “जहां है, जैसा है” की नीति पर छूट के साथ बेचा जा रहा है।

खाली मकानों की बिक्री न होने के कारणों में मांग की कमी, कोविड-19 का प्रभाव, पंजीयन निरस्तीकरण और बहुमंजिला भवनों में कम रुचि शामिल हैं।

सरकार ने 19 जनवरी 2025 को शुरू की गई वन-टाइम सेटलमेंट स्कीम के तहत 5 वर्ष से अधिक समय से नहीं बिके मकानों पर 10%, 20%, और 30% छूट दी। इसके तहत 1 जुलाई 2025 तक 920 संपत्तियों की बिक्री से ₹139.47 करोड़ की आय हुई।

विपक्ष के हंगामे के बीच मंत्री ने नई नीति की जानकारी दी और स्पष्ट किया कि अब जरूरत के हिसाब से मकान बनाए जाएंगे, ताकि डेड इन्वेंट्री खत्म हो और पहले से बने मकानों की बिक्री हो सके।