जगदलपुर । छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में जापानी इंसेफेलाइटिस (JE) का खतरा फिर से गहराने लगा है।
2025 के पहले साढ़े छह महीनों में 19 मामले सामने आए हैं, जिनमें बस्तर जिले से 13, बीजापुर से 3 और अन्य जिलों से 3 मामले शामिल हैं। लोहांडीगुड़ा और केसलूर में दो बच्चों की मौत ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है।
यह वायरल बीमारी, जो कुलेक्स मच्छरों से फैलती है, खासकर 1 से 15 वर्ष के बच्चों को प्रभावित करती है। सीएमओ डॉ. बसाक के अनुसार, JE मस्तिष्क में सूजन पैदा करता है, जिसके लक्षणों में बुखार, उल्टी, दौरे और बेहोशी शामिल हैं। यह बीमारी स्थायी विकलांगता या मृत्यु का कारण भी बन सकती है। मानसून के कारण जलभराव वाले क्षेत्रों में मच्छरों का प्रकोप बढ़ने से खतरा और गंभीर हो गया है।
बस्तर के डिमरापाल मेडिकल कॉलेज में JE की जांच और इलाज की सुविधा उपलब्ध है। स्वास्थ्य विभाग ने मच्छरनाशक छिड़काव, मच्छरदानी वितरण और जागरूकता अभियान तेज कर दिए हैं।
बस्तर प्रशासन ने अलर्ट जारी करते हुए प्रभावित गांवों में विशेष स्वास्थ्य टीमें तैनात की हैं, जो ग्रामीणों को साफ-सफाई और लक्षणों की पहचान के बारे में जागरूक कर रही हैं।
स्वास्थ्य अधिकारियों ने अभिभावकों से अपील की है कि बच्चों में बुखार, सिरदर्द, सुस्ती, उल्टी या दौरे जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत नजदीकी अस्पताल में संपर्क करें। समय पर इलाज इस बीमारी से बचाव के लिए जरूरी है।
Editor – Niraj Jaiswal
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