बांकीमोंगरा नगर पालिका में विवादों का साया, भाजपा नेताओं ने ही उठाए सवाल

कोरबा। कोरबा जिले की बांकीमोंगरा नगर पालिका अपने गठन के बाद से ही विवादों के घेरे में है। प्रथम आम निर्वाचन में भाजपा को जीत मिली, लेकिन नगर पालिका की कार्यप्रणाली पर अब पार्टी के ही कुछ नेताओं ने सवाल उठाए हैं।

सूत्रों के अनुसार, परिषद की नेता नाममात्र की हैं, जबकि नियंत्रण कथित तौर पर कहीं और से हो रहा है। इससे अनियमित और अनुचित कार्यों को बढ़ावा मिल रहा है।

खबर है कि कुछ मौकों पर रात्रि में 2-3 घंटे तक कार्यालय खुला रहा, जहां शराबखोरी और पिकनिक जैसी गतिविधियों की शिकायतें सामने आई हैं।

6 जुलाई को उप मुख्यमंत्री व कोरबा जिले के प्रभारी मंत्री अरुण साव के दौरे के दौरान भाजपा के एक धड़े ने इन अनियमितताओं की शिकायत की। उन्होंने मनमाने कार्यों, रात्रि में कार्यालय खुलने और शराबखोरी जैसी गतिविधियों पर रोक लगाने के साथ-साथ अब तक के कार्यों की जांच की मांग की।

पिछले दिनों कांग्रेस पार्षदों ने भी इसी तरह के एक मामले को लेकर प्रदर्शन किया था, जिसके बाद सीएमओ ज्योत्सना टोप्पो के साथ दुर्व्यवहार हुआ। उनकी शिकायत पर बांकी पुलिस ने गैर-जमानती धाराओं में प्रकरण दर्ज किया, और नामजद लोग फरार हैं।

अब भाजपा के ही नेताओं द्वारा अपने समकक्षों की शिकायत ने सवाल खड़े किए हैं कि क्या कार्यकर्ताओं में आपसी मतभेद बढ़ रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, कुछ नेताओं के चरित्र पर भी सवाल उठाए गए हैं।

यदि यही स्थिति रही, तो आने वाले दिनों में बांकीमोंगरा में तनाव और सिर-फुटव्वल की स्थिति बन सकती है।

उप मुख्यमंत्री ने इस दौरान विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत करोड़ों रुपये के कार्यों को मंजूरी दी और क्षेत्र को कई सौगातें दीं। लेकिन नगर पालिका के इन विवादों ने स्थानीय प्रशासन और भाजपा की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा दिए हैं।