भाजपा नेत्री ज्योति महंत द्वारा थाना परिसर में ग्रामीण की पिटाई, वायरल वीडियो से क्षेत्र में हंगामा

कोरबा/बांकीमोंगरा।  बांकीमोंगरा क्षेत्र में भाजपा नेत्री और पूर्व नगर पालिका सदस्य ज्योति महंत द्वारा एक ग्रामीण के साथ मारपीट का सनसनीखेज मामला सामने आया है। यह घटना बांकीमोंगरा थाना परिसर के सामने हुई, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

वीडियो में ज्योति महंत ग्रामीण को थप्पड़ और लात मारते हुए दिख रही हैं, साथ ही यह कहती नजर आ रही हैं कि “ये मर जाएगा तो भी फर्क नहीं पड़ता।”

जानकारी के अनुसार, ग्राम बरेडिमुड़ा का एक किसान अपने बैल को लेकर रावणभाटा मैदान मार्ग से जा रहा था। इस दौरान वह मोबाइल पर बात कर रहा था और उसने बातचीत में अपशब्दों का प्रयोग किया। उसी समय वहां से गुजर रही भाजपा नेत्री ज्योति महंत ने इस अपशब्द को अपने ऊपर ले लिया। इसके बाद उन्होंने ग्रामीण के साथ मारपीट शुरू कर दी। मारपीट के बाद कुछ युवकों ने ग्रामीण को बांकीमोंगरा थाना ले जाया, जहां थाना परिसर में भी उसकी पिटाई की गई।

वायरल वीडियो में ज्योति महंत ग्रामीण को थप्पड़ और लात मारते हुए दिख रही हैं और अश्लील गालियां देती नजर आ रही हैं। वीडियो में कुछ स्थानीय युवक भी मौजूद हैं, जो नेत्री का समर्थन करते दिख रहे हैं। वीडियो रिकॉर्ड करने वाले व्यक्ति को रोकने के लिए एक युवक कैमरे के सामने हाथ रखकर रिकॉर्डिंग बंद करने की कोशिश करता है।

ग्रामीण ने अपनी बात रखते हुए बताया कि उसके साथ जबरन मारपीट की गई। थाना लाए जाने के बाद कुछ युवकों ने मामले को रफा-दफा करने के नाम पर उससे 3000 से 4000 रुपये की मांग की। ग्रामीण का कहना है कि उसने “घूसखोरी” के चलते यह राशि दी। उसने यह भी कहा कि बिना पैसे दिए कोई काम नहीं होता।

थाना परिसर में मारपीट पर सवाल

घटना के बाद क्षेत्र में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि थाना परिसर में इस तरह की मारपीट कितनी उचित है। ग्रामीण द्वारा अपशब्दों के प्रयोग या अन्य किसी विवाद के लिए थाना में शिकायत दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जा सकती थी, लेकिन भाजपा नेत्री ने कानून को अपने हाथ में ले लिया। इस घटना ने पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए हैं।

ज्योति महंत का पक्ष जानने के लिए उनसे संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनका मोबाइल नंबर लगातार व्यस्त रहा। इस मामले में अभी तक उनका कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।

वायरल वीडियो के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं न केवल कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाती हैं, बल्कि राजनीतिक नेताओं की छवि को भी नुकसान पहुंचाती हैं। लोग इस मामले में पुलिस से निष्पक्ष जांच और सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।