यातायात पुलिस पर अवैध वसूली का आरोप, पूर्व गृहमंत्री ने की सख्त कार्रवाई की मांग

रायपुर/कोरबा। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर सहित प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में यातायात पुलिस पर अवैध वसूली और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने इस मुद्दे को उठाते हुए प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा और पुलिस महानिदेशक अरुण देव गौतम को पत्र लिखकर यातायात पुलिस के अधिकारियों और कर्मचारियों के स्थानांतरण तथा ऑफलाइन रसीद प्रथा को बंद करने की मांग की है।

श्री कंवर ने आरोप लगाया है कि रायपुर और अन्य जिलों में यातायात पुलिस बेवजह वाहन चालकों को रोककर डराने-धमकाने और अवैध वसूली का काम कर रही है। एक स्टिंग ऑपरेशन में यह सामने आया है कि शारदा चौक, रायपुर में यातायात पुलिस द्वारा वाहन चालकों से 300 रुपये से लेकर 1500-2000 रुपये तक की वसूली की गई, बिना रसीद दिए। कुछ मामलों में चालकों को बताया गया कि रसीद लेने पर 5 से 10 हजार रुपये देने होंगे, जबकि बिना रसीद के कम राशि में “काम” हो सकता है।

लंबे समय से एक ही जगह पर जमे अधिकारी-कर्मचारी

पूर्व गृहमंत्री ने बताया कि रायपुर और दुर्ग जिलों में कुछ यातायात पुलिस अधिकारी और कर्मचारी लंबे समय से पदस्थ हैं। डी.एस.पी. गुरजित सिंह और सतीश ठाकुर जैसे अधिकारियों का कार्यकाल मुख्य रूप से इन्हीं दो जिलों तक सीमित रहा है। इसके अलावा, कई सहायक उपनिरीक्षक (ए.एस.आई.), उपनिरीक्षक (एस.आई.) और आरक्षक जैसे गुलाटी आदिल, सतीश मिश्रा, लक्ष्मण निषाद आदि वर्षों से रायपुर में ही तैनात हैं। श्री कंवर ने इनके स्थानांतरण की मांग की है ताकि भ्रष्टाचार पर अंकुश लग सके।

यातायात पुलिस द्वारा नेशनल हाईवे और टोल प्लाजा पर वाहन चेकिंग के नाम पर निजी व्यक्तियों को रोजी के आधार पर रखकर अवैध वसूली की जा रही है। यह कार्य नियमों के विरुद्ध है और इससे सरकार की छवि को नुकसान पहुंच रहा है। श्री कंवर ने इस प्रथा पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है।

यातायात पुलिस द्वारा उपयोग की जा रही ऑफलाइन रसीद को भ्रष्टाचार का मुख्य कारण बताते हुए श्री कंवर ने इसे तत्काल बंद करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस प्रथा के कारण आम जनता को परेशानी हो रही है और पुलिस विभाग की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं।

श्री कंवर ने गृहमंत्री और पुलिस महानिदेशक से अपील की है कि उपरोक्त अधिकारियों और कर्मचारियों का स्थानांतरण दूरस्थ जिलों में किया जाए। साथ ही, अवैध वसूली और भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए त्वरित और सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि इस तरह की गतिविधियां जनता के बीच सरकार और पुलिस के प्रति अविश्वास पैदा कर रही हैं।