मनरेगा के तहत रोजगार दिवस का आयोजन, ग्रामीणों को जल संरक्षण और अधिकारों की दी गई जानकारी

कोरबा। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत जिले की ग्राम पंचायतों में 07 जून 2025 को जागरूकता गतिविधि के रूप में रोजगार दिवस मनाया गया। इस अवसर पर ग्रामीणों और पंजीकृत श्रमिकों को मनरेगा के तहत उनके अधिकारों, जल संरक्षण अभियान “मोर गांव मोर पानी”, और लंबित मजदूरी भुगतान के समाधान की जानकारी दी गई।

जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी दिनेश कुमार नाग के निर्देश पर प्रत्येक माह की 7 तारीख को ग्राम पंचायतों में रोजगार दिवस आयोजित करने का निर्णय लिया गया है।

रोजगार दिवस का आयोजन

रोजगार दिवस के दौरान ग्राम पंचायतों में श्रमिकों को “मोर गांव मोर पानी” अभियान के तहत जल संरक्षण और संचयन के लिए बनाई जाने वाली संरचनाओं जैसे सिंचाई कूप, सोखता पिट, और रेन वाटर हार्वेस्टिंग के बारे में बताया गया। इसके अलावा, “एक पेड़ मां के नाम 2.0” अभियान के महत्व और जन मनरेगा ऐप व सिक्योर में कार्य स्वीकृति की प्रक्रिया की जानकारी भी दी गई।

श्रमिकों के अधिकारों पर जोर

श्रमिकों को मनरेगा के तहत उनके अधिकारों जैसे जॉब कार्ड, वर्ष में 100 दिन के रोजगार की मांग, समय पर मजदूरी भुगतान, और सामाजिक अंकेक्षण के बारे में जागरूक किया गया। तकनीकी सहायकों और रोजगार सहायकों ने ग्रामीणों को इन हकदारियों का उपयोग करने और लंबित मजदूरी भुगतान के समाधान के लिए प्रक्रियाओं की जानकारी दी।

शामिल ग्राम पंचायतें

रोजगार दिवस का आयोजन जिले की कई ग्राम पंचायतों में किया गया, जिनमें महोरा, गिधौरी, नोनबिर्रा, जूनवानी, डोडातराई, दादरकला, नकिया, सरभोका, पोड़ी खुर्द, रतिजा बतरा, पंडरीपानी, देवपहरी, नवागांव कला, देवरी, छुरीखुर्द, मुड़ाली, डोंगरी, चाकाबूढ़ा, विरदा, कसईपाली, रामपुर खोडरी, अमलडिहा, सोलवा, मसान, कोथारी, सिरी, कुम्हारीसानी, सलोरा क, और कोडगार रतिजा शामिल हैं। इन आयोजनों में स्थानीय जनप्रतिनिधि, मनरेगा के पंजीकृत श्रमिक, और ग्रामीण उपस्थित थे।

जिला प्रशासन की पहल

जिला पंचायत सीईओ दिनेश कुमार नाग ने सभी जनपद पंचायतों के सीईओ और मनरेगा कार्यक्रम अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक माह की 7 तारीख को रोजगार दिवस का आयोजन सुनिश्चित किया जाए। इस पहल का उद्देश्य ग्रामीणों को उनके अधिकारों और मनरेगा योजनाओं के लाभों के प्रति जागरूक करना है। साथ ही, जल संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।

सामाजिक प्रभाव

रोजगार दिवस के आयोजन से ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के प्रति जागरूकता बढ़ी है। श्रमिकों ने इस पहल की सराहना की और इसे अपने अधिकारों को समझने और जल संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में योगदान देने का एक बेहतर मंच बताया। यह आयोजन न केवल ग्रामीणों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में मदद करेगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और जल संचयन के प्रति भी जागरूकता बढ़ाएगा।