कोरबा, 14 मई 2025: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में सर्वमंगला कनकी मार्ग पर स्थित ऐतिहासिक जटराज पोखरी का अस्तित्व गंभीर संकट में है। एक निजी कंपनी द्वारा पिछले सप्ताह से इस प्राकृतिक जलाशय से लाखों लीटर पानी को 5-6 शक्तिशाली मोटर पंपों के माध्यम से निकालकर फेंका जा रहा है। आरोप है कि कंपनी इस जलाशय को सूखाकर उसमें औद्योगिक राखड़ भरने की योजना बना रही है, जो पर्यावरण संरक्षण नियमों का खुला उल्लंघन है।
नगर पालिक निगम कोरबा के वार्ड क्रमांक 62 के अंतर्गत आने वाली जटराज पोखरी, जो कभी खदान थी, पिछले पांच दशकों से एक विशाल जलाशय के रूप में स्थानीय निवासियों की दैनिक आवश्यकताओं को पूरा कर रही है। यह जल स्रोत आसपास के समुदाय के लिए जीवनरेखा है, लेकिन वर्तमान में इसके जल को निष्प्रयोजन बहाया जा रहा है।
नगर पालिक निगम के सभापति नूतनसिंह ठाकुर ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला कलेक्टर और पर्यावरण संरक्षण अधिकारी को पत्र लिखकर तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने इसे एक सुनियोजित षड्यंत्र करार देते हुए कहा कि यह कार्य न केवल पर्यावरण के लिए खतरा है, बल्कि स्थानीय पारिस्थितिकी और जन-जीवन को भी प्रभावित करेगा।
श्री ठाकुर ने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन जल संरक्षण और प्राचीन जलाशयों के संवर्धन के लिए ‘सरोवर धरोहर योजना’ के तहत करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन कोरबा में इसके विपरीत जल स्रोतों को नष्ट किया जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि पोखरी के निकट हसदेव नदी होने के कारण, वर्षाकाल में राखड़ के नदी में बहने से जल प्रदूषण की गंभीर समस्या उत्पन्न हो सकती है।
सभापति ने प्रशासन से तीन मांगें की हैं:
जल निष्कासन पर तत्काल रोक।
कार्य के अनुमोदन की जांच।
दोषी कंपनी और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई।
पर्यावरणविदों ने भी इस प्रकरण पर चिंता जताई है। उनका कहना है कि जल संरक्षण आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है और जल स्रोतों का विनाश अपरिवर्तनीय संकट को जन्म दे सकता है। स्थानीय निवासियों और पर्यावरण प्रेमियों ने प्रशासन से इस मामले में त्वरित कार्रवाई की अपील की है।
Editor – Niraj Jaiswal
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