सतरेंगा में जंगली सुअर के हमले में ग्रामीण गंभीर रूप से घायल, शिकारियों और प्रशासन की उदासीनता से बढ़ी मुश्किलें

कोरबा। बालको वन परिक्षेत्र के सतरेंगा क्षेत्र में शनिवार सुबह एक दर्दनाक हादसा हुआ। काशीपानी निवासी 35 वर्षीय प्रताप सिंह मंझवार, जो संरक्षित जनजाति वर्ग से हैं, जंगल में वनोपज और जड़ी-बूटी बीनने गए थे। उसी दौरान जंगली सुअर ने उन पर अचानक हमला कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। सुअर के नुकीले दांतों (खीसा) ने उनके सीने के दाहिने हिस्से में गहरा घाव कर दिया।

जानकारी के अनुसार, कुछ शिकारी तीर-धनुष लेकर जंगली सुअर का शिकार करने जंगल में आए थे। उनके तीर से घायल सुअर भड़क गया और बदहवास होकर प्रताप पर हमला कर बैठा। हमले के बाद शिकारियों ने सुअर को तो भगा दिया, लेकिन तड़पते प्रताप की कोई मदद नहीं की और मौके से भाग गए। जंगल में मौजूद अन्य ग्रामीणों ने परिजनों को सूचना दी।

हैरानी की बात यह रही कि सूचना के बावजूद न तो वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और न ही 108 संजीवनी एक्सप्रेस एंबुलेंस उपलब्ध हो सकी। मजबूरी में परिजनों ने घायल प्रताप को मोटरसाइकिल से कोरबा के मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टरों के अनुसार, सुअर का हमला सीने के दाहिने हिस्से पर हुआ, और यदि यह दिल के पास होता तो जानलेवा हो सकता था। फिलहाल, प्रताप की हालत स्थिर है, लेकिन वह मानसिक सदमे में हैं।

इस घटना ने वन क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था और आपातकालीन सेवाओं की कमी को उजागर किया है। स्थानीय लोगों ने वन विभाग और प्रशासन से जंगल में शिकार पर रोक लगाने और आपातकालीन सेवाओं को बेहतर करने की मांग की है।