कोरबा। औद्योगिक जिला कोरबा में खेती-बाड़ी का रकबा और उत्साह दोनों बरकरार है। जिले के करीब 1 लाख अनाज उत्पादक किसान न केवल धान बल्कि अन्य फसलों के उत्पादन में जुटे हैं, और परंपरागत के साथ-साथ उन्नत खेती की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं।
किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए जिला सहकारी केंद्रीय बैंक ने खरीफ सीजन 2025 के लिए 100 करोड़ रुपये के किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) ऋण वितरण का लक्ष्य रखा है। इसके लिए समितियों के स्तर पर केसीसी फॉर्म भरवाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
इस योजना के तहत किसानों को 40% वस्तु (खाद, बीज, उपकरण) और 60% नगद राशि उपलब्ध कराई जाएगी। पिछले वर्ष 2024-25 में दिए गए ऋण की 95% वसूली हो चुकी है, जिससे बैंक प्रबंधन उत्साहित है।
डिजिटल क्रांति का लाभ उठाते हुए बैंक ने वसूली के लिए ऑनलाइन सिस्टम लागू किया है, जिसमें धान खरीदी के दौरान किसानों की भुगतान राशि से ऋण की कटौती सीधे हो जाती है। इससे किसानों और बैंक दोनों को सहूलियत हुई है।
कोरबा के किसान खेती में आधुनिक तकनीकों को अपना रहे हैं। बैलगाड़ी और हल का उपयोग अब न के बरबर है, जबकि ट्रैक्टर और हार्वेस्टर मशीनों का चलन बढ़ा है। सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर किसानों ने समय और श्रम लागत में कमी की है।
मनरेगा और अन्य योजनाओं के कारण श्रमिकों की कमी के बावजूद, किसानों ने आधुनिक संसाधनों को अपनाकर उत्पादकता बढ़ाई है।
जिला सहकारी बैंक की यह पहल और किसानों की मेहनत कोरबा को कृषि क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक ले जा रही है।
Editor – Niraj Jaiswal
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