बिलासपुर। रतनपुर के खंडोबा-खूंटाघाट बाइपास के ढाबों के पास बड़े पैमाने पर डीजल चोरी का खेल चल रहा है। यहां पेट्रोल पंपों की तुलना में 10 रुपए प्रति लीटर कम कीमत पर चोरी का डीजल खुलेआम बेचा जा रहा है।
चौंकाने वाली बात यह है कि यह चोरी किसी सुनसान जगह या रात के अंधेरे में नहीं, बल्कि दिनदहाड़े सड़क किनारे की जा रही है। ट्रक, ट्रेलर और डीजल के टैंकर से चोर बेखौफ डीजल निकालते हैं और उसे सस्ते दाम पर बेच देते हैं।
रतनपुर क्षेत्र में खंडोबा-खूंटाघाट बाइपास पर यह अवैध धंधा लंबे समय से चल रहा है। पहले चोरी छुपे और अब यह बिल्कुल खुलेआम होने लगा है। ट्रक और डीजल टैंकरों को रोककर उनके चालकों से मिलीभगत कर टैंकों से डीजल निकाला जाता है।
कुछ मामलों में वाहन चालकों की जानकारी के बिना भी डीजल चोरी कर लिया जाता है। इस पूरे खेल में गैंग सक्रिय हैं, जो ट्रांसपोर्ट कंपनियों और पेट्रोल पंपों को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं।
अलग-अलग जगहों पर है ठिकाना
क्षेत्र में डीजल चोरों का अलग-अलग गिरोह सक्रिय है। बताया जाता है कि रतनपुर के आसपास डीजल चोरी करने वालों के तीन गिरोह सक्रिय हैं। एक गिरोह सीधे लूटपाट की घटनाओं को अंजाम देता है। उनके निशाने पर लंबी दूरी के भारी वाहन होते हैं।
दूसरे राज्य से आने वाले ट्रक और भारी वाहन के ड्राइवर पुलिस केस से बचने के लिए चोरी की शिकायत नहीं करते। इसके कारण उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पा रही है। वहीं, दो गिरोह ड्राइवरों से मिलीभगत कर चोरी की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।
पुलिस का मिल रहा संरक्षण, इसलिए हैं बेखौफ
डीजल की चोरी ने वाले चोर इतने बेखौफ हैं कि दिनदहाड़े खुलेआम ट्रकों और टैंकरों से डीजल निकालते हैं। पुलिस गश्त के दौरान भी उनकी यह करतूत बंद नहीं होती। आसपास के लोगों ने बताया कि यह कोई नया काम नहीं है, बल्कि लंबे समय से हो रहा है। दिनदहाड़े चोरी की वारदात पुलिस के संरक्षण में चल रही है।
इसकी जानकारी होने के बाद भी पुलिस की ओर से कार्रवाई नहीं की जा रही है। इससे पुलिस की मिलीभगत की बात को बल मिल रहा है। कई बार अधिकारियों को भी डीजल चोरों की जानकारी दी गई है। इसके बाद भी अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
इस तरह हो रही चोरी
चोरी के इस खेल में कई तरीके अपनाए जाते हैं। कई बार ट्रक और टैंकर चालक खुद अपनी गाड़ियों से डीजल निकालकर इन चोरों को बेच देते हैं। इससे ट्रांसपोर्ट कंपनियों को नुकसान होता है। कुछ मामलों में चोर ट्रकों की टंकियों में पिन डालकर या पाइप लगाकर डीजल निकाल लेते हैं।
इस काम के लिए हाईवे किनारे झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले कुछ लोग भी इस्तेमाल किए जाते हैं। चोरी किए गए डीजल को आसपास के ढाबों, मैकेनिक दुकानों और ट्रैक्टर मालिकों के पास बेचा जा रहा है। चोरी किए गए डीजल को 10 रुपए प्रति लीटर कम कीमत में बेचा जाता है।
Editor – Niraj Jaiswal
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