बोर्ड परीक्षा मूल्यांकन में लापरवाही, 10 शिक्षकों पर कार्रवाई, वेतनवृद्धि रोकी गई

कोरबा, 12 अगस्त। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल ने 2024-25 की बोर्ड परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में गंभीर लापरवाही बरतने वाले कोरबा जिले के 10 शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। इन शिक्षकों ने मूल्यांकन के दौरान मनमाने ढंग से अंक बढ़ाए, जिसके चलते उन्हें 3 से 5 वर्ष तक मूल्यांकन कार्य से निलंबित कर दिया गया है। सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की वेतनवृद्धि भी रोकी गई है।

जानकारी के अनुसार, कोरबा जिले के शिक्षकों ने हिन्दी, अंग्रेजी, सामाजिक विज्ञान और गणित जैसे विषयों की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में लापरवाही बरती। कुछ मामलों में 20 से 40 और 41 से 49 अंक तक अनावश्यक रूप से बढ़ाए गए। दावे-आपत्ति के दौरान ऐसी कापियों की जांच में यह खुलासा हुआ। मंडल के 36 मूल्यांकन केंद्रों की जांच में कुल 69 शिक्षकों की लापरवाही सामने आई, जिनमें कोरबा के 10 शिक्षक शामिल हैं।

श्रेणी-1 (20-40 अंक की बढ़ोत्तरी):

गीता वैष्णव (सरकारी स्कूल पोड़ीबहार)
घासीराम लोनिया (सरकारी स्कूल नवापारा)
प्रतिभा यादव (निर्मला कोरबा)
रमेश चौहान (सरस्वती रजगामार)
धनेश्वर सिंह (बीकन दर्री)
खिलेश्वरी केंवट (बालको टाउनशिप)
प्रेरणा तिवारी (बालकोनगर)
सरोज टोप्पो (भिलाईबाजार सरकारी विद्यालय)
बाबूलाल भुनेश्वर (सरकारी विद्यालय मुनगाडीह पाली)
इन शिक्षकों को 3 वर्ष के लिए मूल्यांकन कार्य से अलग किया गया है।

श्रेणी-2 (41-49 अंक की बढ़ोत्तरी):

रामायण सिंह कंवर (पठियापाली कोरबा) को 5 वर्ष के लिए मूल्यांकन से निलंबित किया गया।

श्रेणी-3 (50 से अधिक अंक की बढ़ोत्तरी) में कोरबा का कोई मामला सामने नहीं आया। मंडल ने स्पष्ट किया कि मूल्यांकन में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए ऐसी कार्रवाई जरूरी थी।