नशा आदिवासी समाज की सबसे बड़ी बुराई, शिक्षा पर जोर दें: मोहन सिंह प्रधान

कोरबा।विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आदिवासी शक्तिपीठ में आयोजित पांच दिवसीय कार्यक्रम के शुभारंभ पर संरक्षक मोहन सिंह प्रधान ने नशे को आदिवासी समाज की सबसे बड़ी बुराई बताया। उन्होंने कहा कि जिस दिन समाज से नशा खत्म होगा, उस दिन आदिवासी समाज अपने हजारों साल पुराने गौरवपूर्ण और पराक्रमी इतिहास को फिर से जीवंत करेगा।

प्रधान ने शिक्षा पर विशेष जोर देते हुए समाज से अपील की कि चाहे स्कूल कितनी ही दूर हों, अपने बच्चों को शिक्षा के लिए अवश्य भेजें, भले ही इसके लिए एक वक्त का भोजन त्यागना पड़े। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही समाज की प्रगति का आधार है।

इस अवसर पर उन्होंने टांटिया मामा, बिरसा मुंडा, फूलों झानों, शहीद वीर नारायण सिंह, गुंडाधुर, वीरांगना रानी दुर्गावती, राणा पूंजा भील जैसे आदिवासी योद्धाओं को याद किया।

उन्होंने बताया कि राजनैतिक क्षेत्र में आदिवासियों को राष्ट्रपति से लेकर मुख्यमंत्री तक के पद मिले हैं, लेकिन वनांचल क्षेत्रों में अभी भी कई समस्याएं बनी हुई हैं।

कार्यक्रम के पहले दिन बच्चों और युवाओं के लिए विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। इस अवसर पर अध्यक्ष बीएस पैकरा, निर्मल सिंह राज सहित समाज के कई प्रतिनिधि उपस्थित रहे।