घंटाघर मुख्य मार्ग पर दो सांडों की लड़ाई से अफरा-तफरी, वाहनों की टक्कर और बाइक सवार घायल

कोरबा शहर के व्यस्त घंटाघर मुख्य मार्ग पर मंगलवार को दो सांडों की आपसी लड़ाई ने अफरा-तफरी मचा दी। आधे घंटे तक चली इस लड़ाई के कारण सड़क पर वाहनों की लंबी कतार लग गई, कई वाहन क्षतिग्रस्त हुए, और एक बाइक सवार सांड से टकराकर घायल हो गया। स्थानीय लोगों ने मवेशियों की सड़कों पर मौजूदगी को लेकर गंभीर चिंता जताई और नगर निगम से इन्हें गौशाला में स्थानांतरित करने की मांग की।

सड़क पर सांडों की लड़ाई से हादसा

घटना के दौरान दो सांड, जो पहले सड़क पर खड़े थे, अचानक एक-दूसरे से भिड़ गए। शुरुआत में लोगों को लगा कि यह सामान्य झड़प है, लेकिन दोनों सांड सड़क के बीच में आकर एक-दूसरे पर हमला करने लगे। इस कारण सड़क की दोनों ओर चार पहिया वाहनों और बाइकों की लंबी कतार लग गई। कुछ बाइक सवारों ने जोखिम उठाकर निकलने की कोशिश की, जिसमें एक बाइक सवार सांड से टकराकर नीचे गिर गया। वह किसी तरह भागकर अपनी जान बचाने में सफल रहा, अन्यथा उसे गंभीर चोटें आ सकती थीं। सांडों की लड़ाई के दौरान सड़क किनारे खड़े कई वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए।

स्थानीय लोगों की चिंता

कॉम्प्लेक्स में फोटोकॉपी ग्राफिक्स के संचालक डायमंड कुमार ने बताया कि घंटाघर और आसपास के इलाकों में मवेशियों का जमावड़ा आम बात है, जिसके कारण पहले भी कई सड़क हादसे हो चुके हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसी घटनाएं कभी भी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती हैं। रवि शंकर निवासी प्रदीप मिश्रा ने बताया कि हॉट बाजार और मुड़ापार जैसे क्षेत्रों में मवेशियों की मौजूदगी के कारण पहले भी हादसे हुए हैं, जिसमें एक बुजुर्ग महिला की सांड के हमले में मौत हो चुकी है।

स्थानीय लोगों की मांग

स्थानीय निवासियों ने मांग की है कि सड़कों पर घूमने वाले मवेशियों को पकड़कर नगर गौशाला या गौ सेवा संगठनों को सौंपा जाए, ताकि उनकी देखभाल हो सके और ऐसी घटनाओं से बचा जा सके। लोगों का कहना है कि मवेशियों की अनियंत्रित मौजूदगी से राहगीरों और वाहन चालकों की सुरक्षा को खतरा है।

प्रशासन और पुलिस की कार्रवाई

नगर निगम मवेशियों को पकड़कर गौशाला और गौठान में स्थानांतरित करने की दिशा में लगातार काम कर रहा है। इसके अलावा, पुलिस विभाग ने सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए मवेशियों के गले में रेडियम पट्टियां लगाने की पहल शुरू की है, ताकि रात के समय उनकी मौजूदगी आसानी से दिखाई दे। विभिन्न सामाजिक संगठन और गौ सेवक भी इस दिशा में प्रयास कर रहे हैं।

भविष्य में सतर्कता की जरूरत

यह घटना कोरबा शहर में मवेशियों के कारण होने वाली समस्याओं को फिर से उजागर करती है। स्थानीय प्रशासन और पुलिस की सक्रियता के बावजूद, सड़कों पर मवेशियों की मौजूदगी को पूरी तरह नियंत्रित करने के लिए और ठोस कदम उठाने की जरूरत है, ताकि राहगीरों और वाहन चालकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।