बिजली विभाग की लापरवाही से ग्रामीण परेशान, मीटरलेस घरों और मृत उपभोक्ताओं को थमाए 70-80 हजार के बिल

कोरबा। छत्तीसगढ़ के पावर हब कहे जाने वाले कोरबा जिले में बिजली वितरण कंपनी की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों, विशेष रूप से पाड़ीमार जोन के गहनिया, फूटामुंडा, और खेतार गांवों में कई ग्रामीणों को 70,000 से 80,000 रुपये तक के भारी-भरकम बिजली बिल थमा दिए गए हैं। हैरानी की बात यह है कि इनमें से कई घरों में बिजली मीटर तक नहीं लगा है, और कुछ बिल उन उपभोक्ताओं के नाम पर जारी किए गए हैं जो अब इस दुनिया में नहीं हैं। इस लापरवाही ने ग्रामीणों में आक्रोश और परेशानी को जन्म दिया है।

बिना मीटर और उपयोग के बिल

ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें आखिरी बार बिजली बिल साल 2017 या 2018 में मिला था, जिसके बाद से कोई बिल नहीं आया। अब अचानक, बिना किसी पूर्व सूचना या मीटर रीडिंग के, हजारों रुपये के बिल भेजे गए हैं। कई ग्रामीणों ने बताया कि उनके घरों में बिजली कनेक्शन का उपयोग ही नहीं हुआ, फिर भी उन्हें भारी राशि के बिल थमाए गए हैं। कुछ मामलों में मृत उपभोक्ताओं के नाम पर भी बिल जारी किए गए, जिसने बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इतनी बड़ी राशि उनके लिए वहन करना असंभव है, क्योंकि यह उनकी आर्थिक स्थिति से कहीं अधिक है।

शिकायतों की अनदेखी

ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने इस मुद्दे को लेकर कई बार बिजली कंपनी के कार्यालय में लिखित शिकायतें दर्ज कीं, लेकिन उनकी शिकायतों पर कोई सुनवाई नहीं हुई। ग्रामीणों का आरोप है कि बिजली विभाग के कर्मचारी उनकी समस्याओं को गंभीरता से नहीं ले रहे, जिससे उनकी परेशानी और बढ़ गई है। गहनिया के एक ग्रामीण ने कहा, “हमने कई बार शिकायत की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। अब इतने बड़े बिल का भुगतान हम कैसे करें, जब हमने बिजली का उपयोग ही नहीं किया?”

बिजली विभाग का आश्वासन

बिजली वितरण कंपनी के अधिकारियों ने इस लापरवाही को स्वीकार करते हुए इसे गंभीर चूक बताया है। अधिकारियों का कहना है कि लंबे समय तक बिल जारी न करना और अचानक भारी राशि के बिल भेजना निश्चित रूप से विभागीय त्रुटि है। उन्होंने मामले की गहन जांच का आश्वासन दिया है और इसके लिए जिम्मेदार कर्मचारियों की जवाबदेही तय करने की बात कही है। साथ ही, प्रभावित ग्रामीणों को राहत देने के लिए जल्द ही गहनिया, फूटामुंडा, और खेतार गांवों में विशेष शिविर आयोजित करने की योजना बनाई जा रही है, जहां बिल संबंधी शिकायतों का समाधान किया जाएगा।

ग्रामीणों की उम्मीद

यह मामला अब बिजली वितरण कंपनी के उच्च अधिकारियों तक पहुंच चुका है। ग्रामीणों को उम्मीद है कि उनकी समस्याओं का जल्द समाधान होगा। हालांकि, यह देखना बाकी है कि बिजली विभाग इस लापरवाही को सुधारने और प्रभावित उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए कितनी तत्परता दिखाता है। यह घटना कोरबा जिले में बिजली आपूर्ति और बिलिंग व्यवस्था की खामियों को उजागर करती है, जिस पर त्वरित कार्रवाई की जरूरत है।