शासकीय चरनोई भूमि पर अवैध निर्माण, शंकर लाल अग्रवाल के फर्जीवाड़े का खुलासा

कोरबा-कटघोरा। कसनियां निवासी व्यापारी शंकर लाल अग्रवाल द्वारा शासकीय चरनोई (घास) भूमि पर अवैध रूप से दुकान, गोदाम और आलीशान मकान बनाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। शिकायतकर्ताओं द्वारा मिसल बंदोबस्त, अधिकार अभिलेख और नक्शा निकलवाने के बाद फर्जीवाड़े की परतें खुलीं, जिसने राजस्व नियमों की धज्जियां उड़ाने की हकीकत को उजागर किया है।

चरनोई भूमि पर अवैध कब्जा

जांच में पता चला कि खसरा नंबर 312/1/ख की 0.95 डिसमिल भूमि, जो मिसल बंदोबस्त में चरनोई (घास) भूमि के रूप में दर्ज है, पर शंकर लाल अग्रवाल ने 2.90 एकड़ में कब्जा कर दुकान, गोदाम और मकान बना लिया। राजस्व नियमों के अनुसार, चरनोई भूमि गांव के पशुओं के चारे के लिए आरक्षित होती है, जिसका न तो पंजीयन हो सकता है, न ही इसे पट्टे पर दिया जा सकता है, और न ही इसका उपयोग अन्य उद्देश्यों के लिए बदला जा सकता है। इसके बावजूद, शंकर लाल ने फर्जी तरीके से इस भूमि को अपने नाम पर दर्ज करवाया और अवैध निर्माण कर लिया।

कृषि और शासकीय भूमि पर आलीशान मकान

इसके अलावा, खसरा नंबर 337/1/ख (रकबा 0.20 डिसमिल) पर बना शंकर लाल का आलीशान मकान भी कृषि भूमि और आंशिक रूप से शासकीय भूमि पर बनाया गया है। यह मकान दुकान और गोदाम के विपरीत दिशा में स्थित है। सूचना के अधिकार के तहत कटघोरा नगर पालिका से मकान निर्माण से पहले नक्शा पास और अनुमति प्रमाण पत्र की जानकारी मांगी गई है, जिससे और खुलासे की उम्मीद है।

फर्जीवाड़े के खिलाफ कार्रवाई की मांग

शिकायतकर्ताओं ने चरनोई भूमि पर अवैध निर्माण को ध्वस्त करने और इसे व्यापारी के कब्जे से मुक्त कराने की मांग की है। साथ ही, फर्जी तरीके से भूमि को अपने नाम पर दर्ज कराने वाले शंकर लाल अग्रवाल के खिलाफ आपराधिक प्रकरण (एफआईआर) दर्ज करने की मांग मुख्य नगर पालिका अधिकारी कटघोरा, तहसीलदार पोड़ी उपरोड़ा, और कलेक्टर कोरबा से आवेदन देकर की गई है।

प्रशासन की चुप्पी पर सवाल

इस मामले ने कोरबा जिले में शासकीय भूमि पर अवैध कब्जे और फर्जीवाड़े के बड़े नेटवर्क की ओर इशारा किया है। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि प्रशासन की निष्क्रियता के कारण ऐसे मामले बढ़ रहे हैं। अब सभी की निगाहें जिला प्रशासन की कार्रवाई पर टिकी हैं, जो इस फर्जीवाड़े पर अंकुश लगाने और शासकीय भूमि को मुक्त कराने की दिशा में कदम उठाएगा।