बैंक लॉकर से 50 लाख का सोना गायब, बैंक प्रबंधन पर केस दर्ज

भिलाई के इंदिरा प्लेस स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां ग्राहक के लॉकर से 50 लाख रुपये से अधिक मूल्य का सोना रहस्यमय तरीके से गायब हो गया। इस घटना ने बैंक लॉकरों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस ने बैंक प्रबंधन के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 316(4) के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

1991 से था लॉकर, 40 तोला सोना गायब

सेक्टर-5 निवासी दरोगा सिंह ने बताया कि 1991 से उनके नाम पर लॉकर नंबर 697 आवंटित था, जिसमें परिवार का करीब 40 तोला सोना तीन पोटलियों में रखा था। लॉकर रूम में सीपेज की शिकायत के बाद लॉकर प्रभारी अनिता कोरेटी ने उन्हें अस्थायी लॉकर नंबर 547 दिया और पुराने लॉकर की चाबी अपने पास रख ली। 17 जनवरी 2025 को अनिता ने सूचित किया कि सामान अस्थायी लॉकर में शिफ्ट कर दिया गया है। लेकिन 22 अप्रैल को जब दरोगा सिंह ने लॉकर खोला, तो उसमें से दो पोटलियां गायब थीं। केवल उनकी बहू की एक पोटली सुरक्षित मिली।

बैंक ने ग्राहक पर डाला दोष, सीसीटीवी फुटेज गायब

बैंक प्रबंधन ने दावा किया कि दरोगा सिंह ने अपनी बेटी आराधना सिंह के साथ लॉकर ऑपरेट किया था, लेकिन सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध न होने से यह दावा झूठा साबित हुआ। दरोगा सिंह ने पुलिस को बताया कि लॉकर केवल वे और उनकी पत्नी ही संचालित करते थे, और उनकी बेटी ने कभी लॉकर नहीं खोला।

रिपेयरिंग में लापरवाही, RBI गाइडलाइन का उल्लंघन

जांच में पता चला कि पुराने लॉकर की मरम्मत के लिए गोदरेज कंपनी के टेक्नीशियन सुखविंदर सिंह को बुलाया गया, लेकिन इस प्रक्रिया का कोई लिखित रिकॉर्ड नहीं रखा गया। लॉकर नंबर 697 को केवल ऑयलिंग किया गया, कोई वास्तविक मरम्मत नहीं हुई।

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की गाइडलाइन के अनुसार, लॉकर की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी बैंक की होती है, लेकिन इस मामले में सुरक्षा और पारदर्शिता में भारी चूक सामने आई। लॉकर ऑपरेशन, रिपेयरिंग और सामग्री ट्रांसफर का कोई दस्तावेज नहीं रखा गया।

पुलिस जांच में चोरी की आशंका

भिलाई नगर पुलिस बैंक प्रबंधन, लॉकर प्रभारी और टेक्नीशियन से पूछताछ कर रही है। पुलिस का कहना है कि लापरवाही के साथ-साथ चोरी की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता। इस घटना ने बैंकिंग प्रणाली में विश्वास को हिलाकर रख दिया है।