पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य गिरफ्तार, भिलाई निवास पर ईडी की छापेमारी

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार सुबह पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भिलाई-3 स्थित निवास पर छापेमारी की। इस कार्रवाई के बाद ईडी ने भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें रायपुर कोर्ट में पेश किया। यह कार्रवाई कथित 3200 करोड़ रुपये के शराब घोटाले की जांच के तहत की गई, जो 2019 से 2022 के बीच तत्कालीन कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुआ था।

भिलाई निवास पर सुबह साढ़े 5 बजे शुरू हुई छापेमारी

ईडी की टीम ने सुबह करीब 5:30 बजे भूपेश बघेल के भिलाई स्थित निवास पर छापा मारा, जिसमें सीआरपीएफ जवानों का भारी दल भी शामिल था। लगभग 7 घंटे तक चली जांच के बाद चैतन्य बघेल को हिरासत में लिया गया। सूत्रों के अनुसार, चैतन्य को नए साक्ष्यों के आधार पर गिरफ्तार किया गया, क्योंकि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे। ईडी का दावा है कि चैतन्य इस घोटाले से उत्पन्न अवैध आय के लाभार्थी थे।

कोर्ट में पेशी और कांग्रेस का वॉकआउट

चैतन्य बघेल को रायपुर कोर्ट में पेश किया गया, जहां पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत और कांग्रेस के कई विधायक मौजूद थे। ईडी की कार्रवाई के विरोध में कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा सत्र से वॉकआउट किया। भूपेश बघेल ने इस कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध करार देते हुए केंद्र और राज्य सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया।

भूपेश बघेल का केंद्र सरकार पर हमला

भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर कहा, “जन्मदिन का जैसा तोहफा मोदी और शाह जी देते हैं, वैसा दुनिया के किसी भी लोकतंत्र में कोई और नहीं दे सकता।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यह छापेमारी तब की गई, जब विधानसभा सत्र के अंतिम दिन तमनार में अडानी समूह के कोयला खदान परियोजना के लिए पेड़ कटाई का मुद्दा उठाया जाना था। बघेल ने मीडिया से कहा, “केंद्र और राज्य सरकार केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है, लेकिन मुझे न्यायपालिका पर भरोसा है। मैं हार नहीं मानूंगा।”

शराब घोटाले की पृष्ठभूमि

ईडी के अनुसार, यह शराब घोटाला 2019 से 2022 के बीच हुआ, जब छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार सत्ता में थी। इस घोटाले में शराब बिक्री से अवैध रूप से 2161 करोड़ रुपये की आय अर्जित की गई, जिसे हाल के अनुमानों में 3200 करोड़ रुपये तक बताया जा रहा है। घोटाले में सरकारी अधिकारियों, राजनेताओं और शराब कारोबारियों के एक कार्टेल ने शराब आपूर्ति श्रृंखला में हेरफेर कर अवैध कमीशन और बिना लेखा-जोखा वाली बिक्री के जरिए धन की उगाही की। अब तक 205 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की जा चुकी हैं।

राजनीतिक विवाद और भविष्य

इस कार्रवाई ने छत्तीसगढ़ में राजनीतिक माहौल को गर्म कर दिया है। कांग्रेस ने इसे “राजनीतिक प्रतिशोध” करार दिया है और दावा किया है कि भाजपा नीत केंद्र सरकार विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने के लिए जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। इस बीच, भूपेश बघेल ने कार्यकर्ताओं से एकजुट रहने और इस “साजिश” का मुकाबला करने का आह्वान किया है। यह मामला आगामी चुनावों में छत्तीसगढ़ के राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण मुद्दा बन सकता है।