भूपेश बघेल के भिलाई निवास पर ईडी का छापा, शराब घोटाले में कार्रवाई

रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भिलाई स्थित निवास पर शुक्रवार सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापा मारा। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कथित शराब घोटाले से जुड़े मामले में की गई। ईडी की टीम सुबह 6 बजे भिलाई पहुंची, जहां भूपेश बघेल अपने बेटे चैतन्य बघेल के साथ रहते हैं। इस दौरान भारी पुलिस बल तैनात रहा, और नाराज कांग्रेस समर्थकों ने बैरिकेडिंग हटाने की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया।

भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट साझा कर कहा, “ईडी आ गई। आज विधानसभा सत्र का अंतिम दिन है। तमनार में अडानी के लिए पेड़ कटाई का मुद्दा उठना था। भिलाई निवास में ‘साहेब’ ने ईडी भेज दी है।” बघेल इस दौरान विधानसभा सत्र के लिए रायपुर रवाना हो गए।

शराब घोटाले में 22 अधिकारी निलंबित

छत्तीसगढ़ सरकार ने हाल ही में 11 जुलाई को आबकारी विभाग से जुड़े 3200 करोड़ रुपये के कथित शराब घोटाले के मामले में 22 अधिकारियों को निलंबित किया। यह घोटाला 2019 से 2023 के बीच भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुआ था। जांच में पाया गया कि एक संगठित सिंडिकेट ने अवैध शराब बिक्री और नकली होलोग्राम के जरिए 2100 करोड़ रुपये से अधिक की राशि हड़पी। ईडी ने इस मामले में चैतन्य बघेल को संदिग्ध लाभार्थी माना है और मार्च 2025 में भी उनके आवास पर छापेमारी की थी।

विष्णुदेव साय सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति पर काम कर रही है। साय ने स्पष्ट किया कि भ्रष्टाचार को किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार डीएमएफ घोटाले, महादेव ऑनलाइन सट्टा ऐप, तेंदूपत्ता वितरण, और सीजीएमएससी जैसे मामलों की भी जांच कर रही है। पिछले दो वर्षों में 200 से अधिक भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है।

राज्य में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए जेम पोर्टल से सरकारी खरीद, ई-ऑफिस प्रणाली, और सिंगल विंडो सिस्टम 2.0 लागू किया गया है। आबकारी विभाग में एफएल-10 नीति समाप्त कर नकली शराब पर अंकुश लगाने के लिए बोतलों पर सुरक्षा होलोग्राम अनिवार्य किया गया है। खनिज ट्रांजिट पास और लकड़ी नीलामी की प्रक्रिया भी ऑनलाइन हो चुकी है।

अन्य जांच और कार्रवाई

पीएससी-2021 परीक्षा अनियमितताओं की जांच सीबीआई को सौंपी गई है, और भारतमाला योजना जैसे अन्य मामलों की भी गहन जांच जारी है। साय ने कहा, “हमारी सरकार का उद्देश्य पारदर्शी, उत्तरदायी, और ईमानदार शासन स्थापित करना है। छत्तीसगढ़ में अब भ्रष्टाचार के लिए कोई स्थान नहीं है।”

ईडी की इस कार्रवाई को लेकर कांग्रेस ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया है। भूपेश बघेल ने दावा किया कि यह छापेमारी उनकी पंजाब में कांग्रेस प्रभारी की भूमिका और विधानसभा में सवाल उठाने के कारण की गई है।