बिजली कंपनी में केबल घोटाला, कार्यपालन अभियंता निलंबित

कोरबा। छत्तीसगढ़ बिजली वितरण कंपनी में कोरबा जिले के अंतर्गत एक बड़ा केबल घोटाला सामने आया है। इस मामले में कोरबा में पदस्थ कार्यपालन अभियंता अभिमन्यु कश्यप और जांजगीर के एक अन्य इंजीनियर को प्रारंभिक जांच में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। यह घोटाला बिलासपुर रीजन के अंतर्गत एरियल बंच केबल (एबीसी) सप्लाई में अनियमितताओं से जुड़ा है, जिसके तहत ठेकेदारों द्वारा घटिया और गैर-मानक केबल का उपयोग किया गया।

घोटाले का खुलासा और जांच

बिजली वितरण कंपनी ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए चार कार्यपालन अभियंताओं एमएम चंद्राकर, पीके सिंह, धर्मेंद्र भारती, और नवीन राठी के साथ-साथ बिलासपुर के अधीक्षण अभियंता पीआर साहू, कार्यपालन अभियंता हेमंत चंद्राकर, और एमके पाण्डेय को जांच का जिम्मा सौंपा है।

कुछ दिन पहले कोरबा में पहुंची दो सदस्यीय जांच टीम ने केबल और अन्य उपकरणों की गुणवत्ता की जांच की, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई।

सूत्रों के अनुसार, ठेकेदारों ने टेंडर में निर्धारित आईएसआई मार्क और बीआईएस प्रमाणित केबल की शर्तों का उल्लंघन करते हुए स्थानीय और घटिया ब्रांड के केबल का उपयोग किया। इससे न केवल बिजली उपकरणों में खराबी आई, बल्कि बिजली आपूर्ति भी बाधित हुई। इतना ही नहीं, कई जगहों पर केबल लगाए बिना ही ठेकेदारों को पूरा भुगतान कर दिया गया।

आरडीएसएस योजना के तहत अनियमितताएं

यह घोटाला रिवाइज्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) के तहत किए गए कार्यों से जुड़ा है। इस योजना के अंतर्गत बिलासपुर में 66.72 करोड़, कोरबा में 77 करोड़, और मुंगेली-पेंड्रा में 25.37 करोड़ रुपये के केबल व अन्य उपकरणों की खरीद की गई थी। बिलासपुर, मुंगेली, कोरबा, और जांजगीर में इस योजना के तहत सबसे ज्यादा शिकायतें दर्ज की गई हैं।

बिजली आपूर्ति पर प्रभाव

बिजली वितरण विभाग के अधीक्षण अभियंता पीएल सिदार ने बताया कि रायपुर से आई जांच टीम ने कोरबा में इस मामले की पड़ताल की थी। प्रारंभिक जांच में अभिमन्यु कश्यप की लापरवाही सामने आने पर उनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई। कोरबा में बिजली व्यवस्था को बेहतर करने के लिए आरडीएसएस योजना के तहत काम कराया गया था, जिसमें पुणे की एटी इलेक्ट्रिकल्स कंपनी ने ठेका लिया था।

बिजली वितरण कंपनी ने इस मामले में सप्लायर और ठेकेदारों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की बात कही है। जांच अभी जारी है, और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।

इस घोटाले ने न केवल बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं, बल्कि क्षेत्र में बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता पर भी गंभीर प्रभाव डाला है।