कोरबा। मशहूर कथाकार पंडित प्रदीप मिश्रा की शिवमहापुराण कथा कोरबा जिले में आयोजित तो हुई, लेकिन अपेक्षित उत्साह और भीड़ से दूर रही। कई बार स्थल और तारीख बदलने की उहापोह के बाद कुदुरमाल के मीरा रिसॉर्ट में 12 से 18 जुलाई तक यह कथा आयोजित की जा रही है। विशेष परिस्थितियों के चलते केवल 300 यजमानों और कुछ चुनिंदा लोगों को प्रत्यक्ष कथा श्रवण का मौका मिला, जबकि बाकी श्रद्धालुओं को डिजिटल माध्यमों से कथा सुनने की सलाह दी गई।
यह पहला मौका है जब पंडित प्रदीप मिश्रा के पंडाल में सीमित लोग ही उपस्थित हो सके।
हालांकि, सोशल मीडिया और सेटेलाइट टेलीविजन के जरिए छत्तीसगढ़ सहित देश-विदेश के लोग इस कथा से जुड़ रहे हैं।
फिर भी, डेढ़-दो साल की लंबी योजना और प्रशासनिक समन्वय के बावजूद तीन बार स्थल बदलने और आयोजन में बार-बार व्यवधान ने कई सवाल खड़े किए हैं।
महाकाल भक्त मंडल के अध्यक्ष दुर्गेश शर्मा, सचिव राजेन्द्र तारक, शैलेष शुक्ला और दुर्गेश राठौर की टीम ने अंतिम समय में आयोजन को सफल बनाने की कोशिश की, लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता पर सवाल उठ रहे हैं।
लोगों का कहना है कि यदि बड़े स्तर पर यह आयोजन हुआ होता, तो कोरबा में होटल, ट्रांसपोर्ट, खानपान और फूल जैसे व्यवसायों को आठ दिनों में जबरदस्त आर्थिक लाभ मिल सकता था। अब समीक्षा का दौर शुरू हो गया है कि आखिर इस अवसर को भुनाने में कहां चूक हुई और बार-बार व्यवधान क्यों आए।
Editor – Niraj Jaiswal
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