शांतिकुंज हरिद्वार में युवा चिंतन शिविर, कोरबा सहित छत्तीसगढ़ से 600 युवाओं की सहभागिता

कोरबा।अखिल विश्व गायत्री परिवार की ओर से उत्तराखंड के शांतिकुंज, हरिद्वार में आयोजित तीन दिवसीय युवा चिंतन शिविर में कोरबा जिले सहित छत्तीसगढ़ के 600 युवाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस शिविर में आध्यात्मिक, नैतिक और सामाजिक विकास पर केंद्रित सत्रों के माध्यम से युवाओं को प्रेरणा और मार्गदर्शन प्रदान किया गया।

कोरबा जिले से जिला युवा प्रकोष्ठ प्रभारी रमाकांत साहू, सह-प्रभारी टेकराम वर्मा, गोवर्धन प्रसाद जायसवाल, रामफल पटेल, दुर्गा प्रसाद साहू, भूपेंद्र वर्मा, यतीश जायसवाल, सुंदरम जायसवाल, सुश्री सविता साहू, श्रेया जायसवाल, अंकिता जायसवाल, राजकुमारी पटेल, अंकिता पटेल, निधि पटेल, गायत्री कौशिक, सुश्री नम्रता कौशिक, सविता आदित्य, और निर्मला पटेल ने शिविर में हिस्सा लिया। इन युवाओं ने शिविर के विभिन्न सत्रों में सक्रिय रूप से भाग लिया और नई प्रेरणा प्राप्त की।

तीन दिन तक चले इस शिविर में युग निर्माण योजना के वैश्विक स्वरूप, समय दान, नारी सशक्तिकरण, लोक सेवियों के लिए दिशाबोध, नेतृत्व क्षमता विकास, जन्म शताब्दी वर्ष, और युवाओं के दायित्व जैसे विषयों पर गहन चर्चा हुई। सत्रों का संचालन अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रख्यात वक्ताओं डॉ. चिन्मय पंड्या, सुश्री दीना, डॉ. गोपाल शर्मा, डॉ. योगेन्द्र गिरी, ओपी राठौर, आशीष सिंह, केशव प्रसाद दुबे, और सुखदेव निर्मलकर ने किया।

शांतिकुंज के मुख्य प्रवचन हॉल में सुबह 8:30 बजे से रात 8:30 बजे तक आयोजित सत्रों में युवाओं ने आध्यात्मिक और सामाजिक विषयों पर गहन चिंतन किया। इसके अतिरिक्त, परिजनों ने यज्ञ, समाधि दर्शन, और अखंड ज्योति के दर्शन भी किए, जिसने उनके अनुभव को और समृद्ध बनाया।

अखिल विश्व गायत्री परिवार लंबे समय से प्रज्ञा, व्यवहार, और समग्र विकास के लिए कार्यरत है। इस शिविर का उद्देश्य युवाओं में नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों को जागृत करना था, ताकि वे समाज में सकारात्मक परिवर्तन ला सकें। संगठन की गतिविधियों से व्यापक स्तर पर सामाजिक और सांस्कृतिक बदलाव देखे गए हैं, जिन्हें समाज ने सहजता से स्वीकार किया है।

शिविर में भाग लेने वाले कोरबा के युवाओं ने इसे एक प्रेरणादायी अनुभव बताया। जिला युवा प्रकोष्ठ प्रभारी रमाकांत साहू ने कहा, “यह शिविर युवाओं के लिए न केवल आध्यात्मिक जागरण का अवसर था, बल्कि नेतृत्व और सामाजिक दायित्वों को समझने का भी एक मंच था। हम इन प्रेरणाओं को अपने क्षेत्र में लागू करेंगे।”

अखिल विश्व गायत्री परिवार ने भविष्य में भी इस तरह के शिविरों के आयोजन की योजना बनाई है, ताकि अधिक से अधिक युवा इससे लाभान्वित हो सकें। कोरबा जिले के युवा परिजनों ने संकल्प लिया कि वे शांतिकुंज में प्राप्त ज्ञान और प्रेरणा को अपने समुदाय में साझा करेंगे और समाज निर्माण में योगदान देंगे।

यह शिविर कोरबा और छत्तीसगढ़ के युवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव साबित हुआ, जो उन्हें सामाजिक और आध्यात्मिक नेतृत्व की दिशा में प्रेरित करता है।