अवैध रेत तस्करी का खेल: बालको चेक पोस्ट पर ACC प्लांट में रेत खपाने का आरोप, टास्क फोर्स पर उठे सवाल

कोरबा जिले में अवैध रेत खनन और परिवहन पर रोक लगाने के लिए कलेक्टर द्वारा गठित टास्क फोर्स की प्रभावशीलता पर सवाल उठ रहे हैं। बालको चेक पोस्ट के पास संचालित ACC कंपनी के बैच मिक्स प्लांट में रात के अंधेरे में अवैध रेत डंप किए जाने की शिकायतें सामने आ रही हैं। स्थानीय लोग और रेत कारोबार से जुड़े सूत्रों ने खुलासा किया है कि अहिरन और हसदेव नदियों से अवैध रेत निकालकर इसे ACC प्लांट में खपाया जा रहा है।

बालको पावर प्लांट के एक्सटेंशन कार्य शुरू होने के बाद से नेतानुमा ठेकेदारों के हौसले बुलंद हैं। सूत्रों के अनुसार, ये ठेकेदार अपनी राजनीतिक पहुंच का दुरुपयोग कर अवैध रेत तस्करी को अंजाम दे रहे हैं। बरमपुर से रेत निकालकर CSEB कॉलोनी के रास्ते वाहनों में रेत को फर्राटे भरते हुए बालको चेक पोस्ट के पास ACC के बैच मिक्स प्लांट तक पहुंचाया जा रहा है। रात के अंधेरे में हो रही इस गतिविधि को देखकर स्थानीय लोग सवाल उठा रहे हैं, “टास्क फोर्स कहां है? रेत चोरों पर कार्रवाई कब होगी?”

जिला प्रशासन और माइनिंग विभाग को बार-बार शिकायतें मिलने के बावजूद अवैध रेत तस्करी पर लगाम नहीं लग पा रही है। सूत्रों का दावा है कि माइनिंग विभाग के अधिकारी इस मामले में कार्रवाई करने में नाकाम रहे हैं। इससे पहले भी कोरबा में खनिज विभाग ने अवैध रेत खनन के खिलाफ छापेमारी की थी, लेकिन कई मामलों में ड्राइवर वाहन छोड़कर भाग गए, जिससे कार्रवाई अधूरी रह गई।

कलेक्टर अजीत वसंत की अध्यक्षता में हाल ही में जिला टास्क फोर्स समिति की बैठक हुई, जिसमें अवैध खनन और परिवहन पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे। बावजूद इसके, बालको चेक पोस्ट पर अवैध रेत डंप होने की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि कुछ प्रभावशाली नेताओं और ठेकेदारों के संरक्षण में यह गोरखधंधा चल रहा है।

अहिरन और हसदेव नदियों से अनियंत्रित रेत खनन न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा है, बल्कि सरकार को राजस्व की हानि भी हो रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि अवैध खनन से नदियों का पारिस्थितिकी तंत्र प्रभावित हो रहा है, जिससे बाढ़ और कटाव जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं।

स्थानीय लोगों और रेत कारोबार से जुड़े सूत्रों ने माइनिंग विभाग और जिला प्रशासन से इस मामले की गहन जांच और तत्काल कार्रवाई की मांग की है। साथ ही, टास्क फोर्स की सक्रियता बढ़ाने और अवैध रेत तस्करी में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरत पर जोर दिया है।

यह मामला न केवल प्रशासनिक निष्क्रियता को उजागर करता है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और कानून व्यवस्था के प्रति गंभीर सवाल भी खड़े करता है।