स्ट्रीट लाइट संकट: ऊर्जाधानी बन रही अंधेर नगरी, उपमुख्यमंत्री से स्वीकृति की मांग

कोरबा।छत्तीसगढ़ की ऊर्जाधानी के रूप में विख्यात कोरबा शहर स्ट्रीट लाइट्स की खराब स्थिति के कारण अंधेरे में डूबता जा रहा है। नगर पालिका निगम कोरबा के मुख्य मार्गों और विभिन्न वार्डों में स्ट्रीट लाइट्स की बदहाल स्थिति ने आम जनता के लिए रात में आवागमन को जोखिम भरा बना दिया है। बारिश के मौसम में अंधेरे के कारण जंगली जीव-जंतुओं से खतरा बढ़ गया है, जिससे लोग रात में बाहर निकलने से डरने लगे हैं।

नगर निगम द्वारा 5000 स्ट्रीट लाइट्स की खरीद का प्रस्ताव पिछले पांच महीनों से नगरीय प्रशासन मंत्रालय में स्वीकृति के लिए लंबित है। इस मुद्दे को लेकर नगर निगम सभापति नूतन सिंह ठाकुर और पार्षदों रामकुमार साहू, टामेश अग्रवाल, प्रीति दिनेश शर्मा, सीमा कंवर, और मथुरा भाई चंद्रा ने उपमुख्यमंत्री व नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव को ज्ञापन सौंपकर तत्काल स्वीकृति की मांग की है।

नगर निगम आयुक्त विनय मिश्रा के माध्यम से भेजे गए इस ज्ञापन में बताया गया कि दर्री, बालको, कोरबा शहर, और ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश स्ट्रीट लाइट्स खराब हो चुकी हैं।

निगम के पास नई लाइट्स की कमी के कारण इन्हें बदलना संभव नहीं हो रहा है। सभापति नूतन सिंह ठाकुर ने कहा, “छत्तीसगढ़ को रोशनी देने वाला कोरबा शहर इस तरह अंधेरे में डूब रहा है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। ट्रिपल इंजन सरकार के दौर में बिजली जैसी मूलभूत समस्या का तुरंत समाधान जरूरी है।”

पार्षदों ने चेतावनी दी कि मूलभूत सुविधाओं में देरी के कारण जनता सरकार की कार्यक्षमता पर सवाल उठाने लगी है।

उन्होंने उपमुख्यमंत्री से 5000 स्ट्रीट लाइट्स की खरीद के प्रस्ताव को प्राथमिकता के आधार पर स्वीकृत करने का आग्रह किया है, ताकि कोरबा फिर से रोशनी से जगमगा सके।