माटी अधिकार मंच ने कलेक्टर से की मांग

डीएमएफ की राशि का प्रत्यक्ष लाभ प्रभावित परिवार को मिले

कोरबा। छत्तीसगढ़ सरकार ने 22 दिसंबर 2015 को जिला खनिज न्यास नियम 2015 लागू कर 27 जिलों में डीएमएफ का गठन किया है। न्यास गठन के 10 वर्षों में अरबों रुपए की राशि प्राप्त हुई है परंतु खनन क्षेत्र के प्रभावित गांव की स्थिति जस की तस बनी हुई है।


माटी अधिकार मंच के अध्यक्ष ब्रजेश श्रीवास ने जिलाधीश एवं खनिज न्यास के अध्यक्ष को पत्र प्रेषित कर इसका लाभ प्रत्यक्ष प्रभावित परिवार के लोगों को दिलाने हेतु पत्र लिखा है। पत्र के माध्यम से उन्होंने अवगत कराया है कि खनन क्षेत्र के लोग मूलभूत समस्याओं से जूझ रहे हैं। रोजगार देने कोल इंडिया की पॉलिसी 2012 के वर्ष 2010 में आने के बाद से केवल बड़े खातेदारों को रोजगार प्राप्त हो रहा है। छोटे खातेदार रोजगार से वंचित हो गए हैं।

इन 15 वर्षों में बेरोजगारों की संख्या में भारी वृद्धि हो गई है। जमीन से विस्थापित होने के बाद लोग रोजगार के लिए यहां वहां भटक रहे हैं। जिला खनिज न्यास के द्वारा ऐसे पीडि़त लोगों को रोजगार दिलाने हेतु सार्थक प्रयास किया जा सकता है परंतु अभी तक आजीविका हेतु प्रयास नहीं किए गए हैं।

खदान क्षेत्र में जल स्तर नीचे चले जाने के कारण कुएं, तालाब सूख गए हैं। इंसानों के अलावा पशु-पक्षी, जीव-जंतु भी एक-एक बूंद पानी के लिए मोहताज है। एसईसीएल प्रबंधन के द्वारा एक टैंकर पानी पूरे गांव के लिए भेज कर वाहवाही लूटी जाती है, कि ग्रामीणों को हमारे द्वारा पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है जबकि सामान्य रूप से एक परिवार की औसत आवश्यकता 1000 लीटर प्रतिदिन की होती है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि, ग्रामीण पानी के लिए किस कदर परेशान है।

जिला खनिज न्यास नियम में प्रत्यक्ष प्रभावित व्यक्ति की पहचान ग्राम सभा के माध्यम से कराकर लाभ दिलाने का प्रावधान है, परंतु आज तक प्रत्यक्ष प्रभावित व्यक्तियों की पहचान नहीं की गई है।

विभाग की वेबसाइट में भी इन आंकड़ों को प्रदर्शित किया जाना था परंतु वेबसाइट अपडेट नहीं होने से जानकारी प्राप्त नहीं होती है।