कोरबा । नाबालिग को बहला-फुसला कर अपहरण कर ले जाने और उसके साथ शारीरिक संबंध स्थापित करने के मामले में अनाचार के आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया गया है।
जानकारी के अनुसार आरोपी मोनू प्रजापति ने कोतवाली थाना क्षेत्र की एक नाबालिग पीडि़ता का 17 फरवरी 2020 को अपहरण कर विवाह करने के लिए विवश करने के आशय से शहर से अन्यत्र ले जाकर एक से अधिक बार बलात्संग किया।
इस संबंध में पीडि़ता की माता ने थाना कोतवाली में पीडि़ता को बहला-फुसलाकर भगाकर ले जाने के आशय की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस द्वारा विवेचना के दौरान गवाहों के कथन के आधार पर पीडि़ता को आरोपी के कब्जे से पठानकोट में बरामद किया।
पीडि़ता का चिकित्सकीय परीक्षण कराने पर चिकित्सक ने उसके साथ शारीरिक संबंध स्थापित होने की पुष्टि की। विशेष न्यायाधीश एफ.टी.एस.सी (पाक्सो) डॉ. ममता भोजवानी के द्वारा अभियोजन की ओर से प्रस्तुत साक्ष्य एवं दस्तावेजों का अवलोकन करने के पश्चात् यह पाया गया कि आरोपी मोनू प्रजापति ने 13 वर्षीय नाबालिग पीडि़ता को उसके माता-पिता या वैध संरक्षक के सहमति के बिना ले जाकर अपहरण करने, पीडि़ता को नाबालिग होना जानते हुए उसके साथ बलात्सँग करने का दोषी है।
आरोपी मोनू प्रजापति को इस विशेष न्यायाधीश डॉ. ममता भोजवानी के द्वारा धारा 366, आईपीसी में 7 वर्ष एवं 3000 रुपए अर्थदण्ड, धारा 376 (2) (1) 376 (3) आईपीसी एवं पाक्सो अधिनियम की धारा 5 (8) सहपठित धारा 06 के तहत 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000 रुपए का अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है।
साथ ही न्यायालय के द्वारा अर्थदण्ड की राशि पीडि़ता को प्रदान करने का भी निर्णय पारित किया गया है। इस प्रकरण में अरुण कुमार ध्रुव विशेष लोक अभियोजक के द्वारा अभियोजन की ओर से पैरवी की गई।
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