लंबित रोजगार प्रकरणों के निराकरण की मांग

मामले लंबित, विस्थापितों ने सीजीएम कार्यालय में लगाया ताला 

कोरबा। छत्तीसगढ़ किसान सभा और रोजगार एकता संघ द्वारा एसईसीएल के खदानों से प्रभावित भू विस्थापित किसानों की लंबित रोजगार प्रकरणों का तत्काल निराकरण की मांग को लेकर कुसमुंडा महाप्रबंधक कार्यालय में तालाबंदी कर दी।


इससे पूर्व  11 सितंबर को एसईसीएल कुसमुंडा खदान बंद आंदोलन करने की बात भू विस्थापितो द्वारा कही गई थी जिसमें लंबित रोजगार प्रकरणों के निराकरण की मांग की जा रही है। छत्तीसगढ़ किसान सभा और रोजगार एकता संघ द्वारा एसईसीएल के खदानों से प्रभावित भू विस्थापित किसानों की लंबित रोजगार प्रकरणों का तत्काल निराकरण की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपकर 11 सितंबर को कुसमुंडा खदान बंद करते हुए कार्यालय में प्रदर्शन की घोषणा की गई थी जिसमें किसान सभा के प्रदेश संयुक्त सचिव प्रशांत झा ने कहा कि भू विस्थापित रोजगार के लंबित प्रकरणों का भू निराकरण की मांग करते हुए थक गए हैं अब अपने अधिकार को छीन कर लेंगे।

विकास के नाम पर अपनी गांव और जमीन से बेदखल कर दिये गए विस्थापित परिवारों का जीवन स्तर सुधरने के बजाय और भी बदतर हो गई है। 40-50 वर्ष पहले कोयला उत्खनन करने के लिए किसानों की हजारों एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया था। कोयला खदानों के अस्तित्व में आ जाने के बाद विस्थापित किसानों और उनके परिवारों की सुध लेने की किसी सरकार और खुद एसईसीएल के पास समय ही नहीं है।

विकास की जो नींव रखी गई है उसमें प्रभावित परिवारों की अनदेखी की गई है। खानापूर्ति के नाम पर कुछ लोगों को रोजगार और बसावट दिया गया जमीन किसानों का स्थाई रोजगार का जरिया होता है।