कोरबा । एमपी नगर कालोनी में नवब्याहता अंकिता सिंह द्वारा आत्महत्या कर लेने के मामले में न्यायालय ने पति अभिषेक सिंह को 3 वर्ष का सश्रम कैद और 5.50 लाख रुपये अर्थदण्ड से दण्डित किया है। अर्थदण्ड की राशि का भुगतान न करने पर 6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। उक्त राशि में से 5 लाख रुपए मृतका के पिता को देने का आदेश दिया गया है।
न्यायालयीन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार घटना दिनांक 16 मार्च 2016 को पुलिस सहायता केन्द्र रामपुर में एलआईजी-13, महाराणा प्रताप नगर निवासी श्रीमती अंकिता सिंह ने दरवाजा अंदर से बंद कर सिलिंग फैन से चुनरी से बांधकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। ससुर आरपी सिंह ने रामपुर पुलिस को घटना की जानकारी दी थी। अंकिता के जबलपुर निवासी पिता दिनेश सिंह को सूचना दी गई तो परिजन कोरबा आये। अंकिता से दहेज की मांग कर उसे शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताडि़त कर विवाह के मात्र 1 वर्ष में ही आत्म हत्या के लिए दुष्प्रेरित करने का आरोप लगाते थाना में रिपोर्ट पति अभिषेक सिंह,ससुर आरपी सिंह व सास नीलम सिंह के विरुद्ध दर्ज कराया व हत्या को आत्महत्या का रूप देने का भी आरोप लगाया। अभियुक्तगण पर धारा 498ए, 304 बी, 306,34 भादंस के तहत जुर्म दर्ज कर प्रकरण विचरण हेतु न्यायालय में पेश किया गया जिसमें जिला एवं सत्र न्यायाधीश सत्येंद्र कुमार साहू ने 23 जुलाई को फैसला सुनाया।
निकिता व सास-ससुर को राहत
इस प्रकरण के प्रारम्भ में एक आरोपी निकिता श्रीवास्तव भी थी, जिसे उच्च न्यायालय बिलासपुर द्वारा धारा 306 से उन्मोचित किया गया,तब से निकिता के विरूद्ध कोई कार्यवाही लंबित नहीं रही। अन्य आरोपीगण के विरूद्ध उच्च न्यायालय ने धारा 302 को समाप्त किया और शेष धाराओं में विचारण के दौरान राजेन्द्र प्रताप सिंह और नीलम सिंह को दोषमुक्त किया गया।अभिषेक सिंह को धारा 304 बी और 306 संदेह से दोषमुक्त किया किंतु धारा 498 ए में दोषसिद्ध पाया गया।
आदेश में यह कहा न्यायाधीश ने
विचारण के दौरान अंकिता सिंह के सुसाइड नोट के आधार पर न्यायाधीश ने पाया कि अंकिता द्वारा आत्महत्या का आधार अभिषेक का अन्य महिला निकिता श्रीवास्तव से विवाह पूर्व तथा विवाह पश्चात् प्रेम संबंध के आधार पर मानसिक प्रताडऩा था। अंकिता सिंह ने सुसाईडल नोट में स्पष्ट उल्लेख किया है कि अभिषेक सिंह ने उसे सगाई के समय बताया था कि वह किसी अन्य लडक़ी को पसन्द करता है, तो उसने कहा था कि वह शादी क्यों कर रहा है। उक्त जानकारी के बाद भी अभिषेक सिंह ने अंकिता सिंह से विवाह किया और अभिषेक सिंह ने उसे निकिता श्रीवास्तव को पाने का जरिया बनाया।
जब भी अंकिता सिंह ने प्रेम संबंध समाप्त करने के लिए कहा, तब-तब अभियुक्त अभिषेक सिंह ने सब कुछ ठीक कर देने का कथन किया, पर ठीक नहीं किया और अंत में निकिता श्रीवास्तव के कहने पर अंकिता सिंह को तलाक देने का कथन करने लगा। इस दौरान बीच-बीच में अभिषेक सिंह द्वारा अंकिता सिंह से बातचीत बंद कर अथवा अन्य तरीके से अंकिता सिंह को प्रताडि़त किया गया। अंकिता को धोखे में रखकर उसे यह आशा देते हुए कि वह सब कुछ ठीक कर देगा, संबंध को निरंतर रखा और अंत में निकिता श्रीवास्तव को चयन करते हुए अंकिता सिंह को तलाक देने का निश्चय कर लिया, जो निश्चित रूप से मृतका अंकिता सिंह के लिए असहनीय स्थिति था। अभिषेक सिंह का अंकिता सिंह को प्रारम्भ से प्रताडि़त करने का दुराशय उत्पन्न हो गया था। अभिषेक द्विारा अंकिता को मानसिक रूप से क्रूरता कारित किया गया।
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