Korba Acb News: भुगतान के बदले 35 हजार रिश्वत लेते निगम के दो अफसर गिरफ्तार

कोरबा : नगर निगम कोरबा में निर्माण कार्य पर चल रहे कमीशन के खेल का पर्दाफाश एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने किया है। दर्री जोन में पदस्थ सहायक अभियंता डीसी सोनकर कमीशन के 35 हजार मांगे थे। ठेकेदार रिश्वत की राशि देने पहुंचा, तो उनसे कनिष्ठ अभियंता देवेंद्र स्वर्णकार के पास भेज दिया। एसीबी की टीम ने दोनों आरोपितों को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया है।

नगर निगम के वार्ड क्रमांक 15 ढोढीपारा निवासी ठेकेदार व पूर्व पार्षद मनक राम साहू का सड़क, नाली व बाउंड्रीबाल का निर्माण कार्य किया था। इसका अंतिम भुगतान करीब 21 लाख रुपये नगर निगम के दर्री जोन कार्यालय से लेना था। इसके बदले अभियंता सोनकर ने दो प्रतिशत कमीशन मांगा। इसके हिसाब से 42 हजार रुपये दिया जाना था, लेकिन ठेकेदार साहू ने मोलभाव कर किसी तरह 35 हजार रुपये देने पर राजी किया। इस बीच उसने इसकी शिकायत एसीबी बिलासपुर के समक्ष की। निगम के रिश्वतखोर अधिकारियों को रंगे हाथ पकड़ने की योजना बनाई गई। मंगलवार को एसीबी की टीम ने ठेकेदार को नोट में पावडर लगा कर दिया।


दोपहर करीब तीन बजे एसीबी के डीएसपी अजितेश सिंह की अगुवाई में नौ सदस्यीय टीम यहां पहुंची। नोट लेकर ठेकेदार साहू कार्यालय के अंदर गया और सौदे के मुताबिक सोनकर को कमीशन की राशि देने का प्रयास किया, पर उसने खुद रुपये लेने की जगह कनिष्ठ अभियंता देवेंद्र स्वर्णकार के पास भेज दिया। उसके दफ्तर में ठेकेदार साहू पहुंचा और सोनकर का हवाला देते हुए रिश्वत की राशि दे दी। जैसे ही स्वर्णकार ने हाथ में रुपये लिए। साहू ने मोबाइल से कार्यालय के बाहर सिविल ड्रेस में छिपे एसीबी के अधिकारियों को दे दी। सूचना मिलते ही एसीबी के अधिकारी धड़धड़ाते कार्यालय के अंदर घुसे और स्वर्णकार के साथ सोनकर को भी गिरफ्तार कर लिया। डीएसपी सिंह ने बताया कि कनिष्ठ अभियंता देवेंद्र स्वर्णकार का हाथ धुलवाया गया, तो कलर निकला। दोनों ही आरोपितों के विरूद्ध धारा 7,12 पीसी एक्ट 1988 के तहत कार्रवाई की जा रही है। दोनों को न्यायालय में पेश किया जाएगा।

25 साल में पहली कार्रवाई

कोरबा का विकास कार्य पहले विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण के माध्यम होता था। वर्ष 1998-99 में नगर निगम का गठन हुआ। रिश्वत के मामले में पहले भी कई अधिकारी रंगे हाथ पकड़े गए, पर नगर निगम ने यह पहली कार्रवाई है। वर्तमान में निगम में कांग्रेस की सत्ता है। विपक्ष यानी भाजपा के पार्षद हर काम में खुले आम कमीशन खोरी किए जाने की आरोप लगाते रहे हैं। इस कार्रवाई से इन आरोपों पर मुहर लग गई है। उधर दूसरी ओर निगम के अधिकारियों में हड़कंप मच गया है।