उद्योग नहीं लगाने वाले उद्योगपतियों को आबंटित जमीन निरस्त करें

कोरबा: उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन ने मंगलवार को उद्योग विभाग की एक –एक योजना की विस्तार से समीक्षा की। बैठक के दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि उद्योग स्थापना के नाम पर जमीन लेने के बाद भी उद्योग नहीं लगाने वाले उद्योगपतियों को नोटिस जारी कर जमीन आबंटन की प्रक्रिया निरस्त करने की कार्रवाई करें।

मंगलवार को सर्किट हाऊस  रायपुर में प्रदेश के सभी जिलों के उद्योग और व्यापार केंद्र के प्रबंधकों, सीएसआइडीसी के अधिकारीयों व उद्योग संचालनालय के उच्च अधिकारियों की बैठक लेकर उद्योग मंत्री देवांगन ने इस आशय के निर्देश दिए। बैठक में उद्योग विभाग के सचिव अंकित आनंद, संचालक उद्योग पी अरूण प्रसाद सहित जिलों से आए अधिकारी एवं उद्योग संचालनालय के अधिकारी उपस्थित थे। उद्योग मंत्री देवांगन ने निर्देश देते हुए कहा कि चुनाव के आदर्श आरचण संहिता के दौरान जो कार्य लंबित थे, उसे प्राथमिकता के आधार पर शीघ्र पूर्ण करने की कार्यवाही करें। मंत्री ने औद्योगिक दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए वाष्पयंत्र निरीक्षकालय की समीक्षा के दौरान कहा कि अधिकारीगण समय-समय पर बायलर का निरीक्षण करते रहें।


विभाग के योजनाओ में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना के तहत 2023–24 में 1024 लक्ष्य की तुलना में अब तक 1252 प्रकरणों को स्वीकृत किया गया। मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के तहत 600 लक्ष्य की तुलना में 1129 आवेदन स्वीकृत किए गए। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल योजना के तहत अब तक एमएसएमई  रायपुर द्वारा अब तक 10798 लोगों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है। इस कार्य में मंत्री देवांगन ने तेजी लाने के निर्देश दिए गए। भू आबंटन के 758 प्रकरणों को स्वीकृत किया गया, 30 पेंडिंग मामलों को भी जल्द निराकरण करने के निर्देश दिए गए।

मंत्री देवांगन ने कहा की देश के प्रधानमंत्री जिन्होंने हाल ही में तीसरी बार प्रधानमंत्री का पदभार ग्रहण किया है। वे भी चाहते है कि युवाओं को अधिक से अधिक काम मिले जिससे उनके जीवन स्तर में बदलाव आ सके। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की भी मंशा है की अलग अलग सेक्टर में ज्यादा से ज्यादा उद्योग लगें ताकि रोजगार के अवसर सृजित हों सके।

उद्योग मंत्री ने इसके अलावा उन्होंने प्रधानमंत्री फार्मलाइजेशन आफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग इंटरप्राइजेस (पीएमएफएमई) योजना, विभिन्न अनुदान, छूट एवं रियायतों के प्रकरणों की प्रगति की समीक्षा की। इसके अलावा भूमि आवंटन संबंधी प्रकरणों की समीक्षा की और फ्री-होल्ड संबंधी प्राप्त आवेदन पत्रों के निराकरण, उद्योंगों के लिए किए गए एमओयू की प्रगति, अधोसंरचना विकास कार्य, राज्य निवेश प्रोत्साहन बोर्ड के कार्यों, वाष्पयंत्र निरीक्षणालय कार्यों, पंजीयक फार्म एवं संस्थाएं की समीक्षा की गई। राज्य में उद्योग निवेश बढ़ाए जाने के संबंध में राज्य प्रोत्साहन बोर्ड को सक्रिय भूमिका निभाने और निवेश आकर्षित करने का निर्देश दिया गया। नई सरकार में उद्योग विभाग को अपनी सक्रिय भूमिका निभाने में प्रतिबद्धता जाहिर करते हुए सभी अधिकारियों को उद्योग संचालन में आवश्यक सहयोग करने और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने का निर्देश दिया गया।