विश्व आदिवासी दिवस 2025: गढ़ उपरोड़ा में मोहन सिंह प्रधान होंगे मुख्य अतिथि, भव्य समारोह की तैयारी

कोरबा, 8 अगस्त 2025: विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर 9 अगस्त 2025 को गढ़ उपरोड़ा, कोरबा में आयोजित होने वाले विश्व आदिवासी विशाल समारोह की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। इस गौरवशाली समारोह में आदिवासी शक्तिपीठ के संरक्षक और प्रखर वक्ता मोहन सिंह प्रधान मुख्य अतिथि होंगे।

उनके साथ विशिष्ट अतिथियों में लीलाधर ध्रुव (तहसीलदार), निर्मल सिंह राज (उपाध्यक्ष, आदिवासी शक्तिपीठ कोरबा), श्रीमती कौशल्या विश्वनाथ सिंह (जनपद उपाध्यक्ष, कोरबा), जगलाल राठिया, रमेश सिरका (संगठन प्रमुख, आदिवासी शक्तिपीठ), शिव प्रसाद कंवर (सतरेंगा), बी.एस. पैंकरा (आदिवासी शक्तिपीठ, कोरबा), जयनाथ सिंह उर्रे (फॉरेस्ट रेंजर अधिकारी), राजेश खलखो (थाना प्रभारी, लेमरू), प्रवीण पालिया (वरिष्ठ सदस्य, शंभू शक्ति सेना), और पवन कंवर (डिप्टी रेंजर) शामिल होंगे।

इसके अतिरिक्त, आमंत्रित विशेष अतिथियों में विभिन्न पंचायतों के सरपंच और जनप्रतिनिधि जैसे अंशुमन सिंह (गढ़ उपरोड़ा), थानसिंह (सतरेंगा), अमृत राठिया (देवपहरी), परमल कंवर (साखों), पवनकुमारी (अरसेना), क्लेश (धनगांव), विकपाल (तीलाइडांड), रमिला मंझवार (नकिया), अनिता (डोकर मना), भुकेश्वर (बड़गांव), पुराना बाई मंझवार (माखुरपानी), नारायण सिंह (अजगर बहार), शिवराज (चुइंया), रजनी सिंह तंवर (लेमरू), धनसिंह कंवर (पूर्व सरपंच), पूरन सिंह मंझवार (पूर्व जनपद सदस्य), और आनंद राम मंझवार (पूर्व जनपद सदस्य) उपस्थित रहेंगे।

अन्य आमंत्रित सदस्यों में सुखराम मरकाम, रतन सिंह कंवर, ठाकुर राम राठिया, दुकालू राम आर्मो, सावन सिंह बिंझवार, समय लाल मंझवार, अमृतलाल राज, इंद्रपाल कंवर, कामेश्वर सिंह भगत, विक्टोर लकड़ा, भूपेश नेताम, सुधीर बड़, के.पी. उरांव, राम अवतार बैगा, मौसम सिंह कंवर, नोहर साय, और राजेश्वर पोर्ते शामिल हैं।

15 से 20 पंचायतों के ग्रामीण में इस समारोह में भाग लेंगे।

मोहन सिंह प्रधान, जो पिछले 21 वर्षों से छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर और आदिवासी समाज के संवैधानिक अधिकारों, रूढ़िगत परंपराओं, और सांस्कृतिक महत्व को बढ़ावा देने में सक्रिय हैं, इस समारोह में आदिवासी समाज के इतिहास, 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासी योद्धाओं के योगदान, और संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित विश्व आदिवासी दिवस के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डालेंगे।

उनके उद्बोधन में शिक्षा, चिकित्सा, स्वास्थ्य, आर्थिक विकास,पर्यावरण संरक्षण,और वर्तमान सामाजिक- राजनीतिक परिदृश्य पर बेबाक विचारों की उम्मीद है।

उनकी प्रखर वक्तृता और सामाजिक मुद्दों पर गहरी समझ के कारण हजारों ग्रामीण इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उत्साहित हैं।

समारोह सुबह 8:00 बजे से शुरू होगा, जिसमें पेन पुरखों की देवी-देवताओं की पूजा,वृक्षारोपण,प्रतिभाशाली छात्र- छात्राओं का सम्मान,कबड्डी,रस्साकशी जैसे महिला-पुरुष खेल कार्यक्रम,और दर्शकों के लिए आकर्षक पुरस्कार शामिल हैं। यह आयोजन आदिवासी संस्कृति, एकता, और गौरव का प्रतीक होगा, जो समाज को नई दिशा और प्रेरणा प्रदान करेगा।