कोरबा वेस्ट पावर प्लांट में हादसा, ठेका वेल्डर की मौत, जमकर हंगामा के बाद 11 लाख का मुआवजा मंजूर

कोरबा। सीएसईबी के कोरबा वेस्ट प्लांट में हुए हादसे में एक ठेका वेल्डर की मौत हो गई। वह डेढ़ वर्ष पहले एमपी के कटनी से यहां काम के लिए पहुंचा था। हादसे को लेकर सहकर्मियों और परिजनों ने जमकर हंगामा किया। दो दौर की बात के बाद एमएस कंट्रक्शन ने आखिरकार 11 लाख रुपए की मुआवजा राशि तय की। तब कहीं जाकर हंगामा शांत हुआ और मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।

खबर के अनुसार छत्तीसगढ़ पावर जेनरेशन कंपनी के 840 मेगावाट क्षमता वाले कोरबा वेस्ट स्थित हसदेव थर्मल पावर प्लांट क्षेत्र में यह घटना हुई। कन्वेयर बेल्ट साइड में कॉन्ट्रैक्ट वर्कर कम कर रहा था तभी वह काफी ऊंचाई से नीचे आ गिरा।  

मृतक की पहचान सूरज गोस्वामी 26 वर्ष पिता काशीपुरी गोस्वामी, निवासी कटनी मध्यप्रदेश के रूप में हुई है, जो दर्री में किराये के मकान में रह रहा था। एक वर्ष पूर्व ही उसका विवाह हुआ था और वह बीते डेढ़ वर्ष से एम.एस. कंस्ट्रक्शन कंपनी के माध्यम से सीएसईबी प्लांट के कन्वेयर बेल्ट सेक्शन में वेल्डर के रूप में कार्यरत था। घटना बीती रात ड्यूटी के दौरान हुई, जब सूरज की अचानक मृत्यु हो गई।

परिजनों का आरोप है कि कार्यस्थल पर सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं थे। मृतक की मां ने 11 लख रुपए की क्षतिपूर्ति देने की मांग की है। यहां से जब बात नहीं बनी तो आक्रोशित परिजनों ने पुन: अस्पताल परिसर में हंगामा करते हुए मुआवजे की मांग की। सहकर्मियों के साथ-साथ उसके इलाके में रहने वाले लोग यहां पहुंचे और उन्होंने ने भी पूरजोर तरीके से अपनी बात रखी। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन और पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा।

पुन: हुई वार्ता के बाद ठेकेदार ने 11 लाख रुपये मुआवजा देने पर सहमति जताई, जिसमें से 4 लाख रुपये नगद तत्काल परिजनों को दिए गए। शेष राशि लिखित समझौते के तहत दी जाएगी।  

कंपनी के एक प्रतिनिधि ने बताया कि काम के दौरान हादसा हुआ है इस मामले में आवश्यक प्रक्रिया की जा रही है। यह सब होने के बाद इस मामले में मृतक के शव का पोस्टमार्टम कराया जाना संभव हो सका।

इस प्रकरण को लेकर कहा जा रहा है कि उद्योगों में जोखिम भरे कार्यों के दौरान दुर्घटना की स्थिति बनती ही है। इन सबके बावजूद कर्मियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा का ध्यान रखा जाना जरूरी है।

उनकी सामाजिक सुरक्षा की गारंटी मानवीय दृष्टिकोण से आवश्यक है। इसलिए जब कभी ऐसी घटनाएं होती है तो इन पर बवाल होता ही है।