हाथी आतंक पर लगाम: 80 संवेदनशील गांवों में सोलर हाईमास्ट लाइटें स्थापित, रात में टकराव कम होने की उम्मीद

कोरबा। कटघोरा वन मंडल में बढ़ते हाथी आतंक के बीच ग्रामीणों के लिए राहत की खबर है। वन विभाग और क्रेडा विभाग की संयुक्त पहल से हाथी प्रभावित 80 अत्यधिक संवेदनशील गांवों में सोलर हाईमास्ट लाइटें स्थापित की गई हैं। इस अभिनव प्रयास से रात के अंधेरे में हाथियों और इंसानों के बीच होने वाले टकराव को कम करने में मदद मिलेगी, साथ ही ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचने में सहायता मिलेगी।

कटघोरा वन मंडल के लगभग 150 गांव हाथी प्रभावित क्षेत्रों में आते हैं, जिनमें से 80 गांवों को अत्यधिक संवेदनशील माना गया है। इन गांवों में बिजली की सुविधा का अभाव या सुरक्षा कारणों से बिजली कटौती की समस्या आम है। रात के अंधेरे में हाथियों के हमले का खतरा बढ़ जाता है, जिससे कई दुर्भाग्यपूर्ण हादसे हो चुके हैं।

इस समस्या के समाधान के लिए प्रशासन ने सोलर हाईमास्ट लाइटें लगाने का निर्णय लिया। ये लाइटें अत्याधुनिक तकनीक से लैस हैं, जो शाम ढलते ही स्वचालित रूप से जल उठती हैं और सुबह बंद हो जाती हैं।

वर्तमान में कटघोरा वन मंडल में हाथियों के कई दल विचरण कर रहे हैं, जो फसलों को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ रात में गांवों में घुसकर घरों को भी तोड़ रहे हैं। सोलर हाईमास्ट लाइटों की रोशनी से ग्रामीण अब दूर से ही हाथियों की गतिविधियों का पता लगा सकेंगे और समय रहते सुरक्षित स्थानों पर पहुंच सकेंगे। इससे जान-माल के नुकसान में कमी आने की उम्मीद है।

वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह पहल ग्रामीणों की सुरक्षा और हाथी-मानव संघर्ष को कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। स्थानीय निवासियों ने इस पहल का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि यह उनके लिए सुरक्षित और बेहतर जीवन सुनिश्चित करेगा।