कोरबा, 30 जुलाई 2025: छत्तीसगढ़ के कोरबा शहर से सटे जंगल में बाघ के पग चिह्न मिलने से हड़कंप मच गया है। कोरबा वन परिक्षेत्र के ग्राम करूमौहा के जंगल में वन विभाग को बाघ के होने की आशंका है। पग चिह्न का फुट प्रिंट तैयार कर जांच के लिए लैब भेजा जा रहा है। इस खबर से आसपास के ग्रामीणों में दहशत का माहौल है, और उन्हें अपने मवेशियों की सुरक्षा की चिंता सता रही है। वन विभाग ने एहतियातन जंगल में गश्त बढ़ा दी है और ग्रामीणों को जंगल में न जाने की हिदायत दी जा रही है।
कैसे सामने आई घटना?
कोरबा जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर ग्राम करूमौहा में अधिकांश लोग खेती-किसानी करते हैं। कुछ किसानों की जमीन जंगल के करीब है। बताया जा रहा है कि 28 जुलाई 2025 को एक किसान खेत में काम करने के बाद घर लौट रहा था, तभी उसकी नजर कक्ष क्रमांक पी 1002 में एक बड़े पग चिह्न पर पड़ी। यह चिह्न सामान्य वन्य प्राणियों के पैरों से बड़ा था और जमीन धंसी हुई थी। किसान ने इसकी जानकारी ग्रामीणों को दी, जिन्होंने जंगल में जाकर निरीक्षण किया और बाघ की मौजूदगी की आशंका जताई।
ग्रामीणों ने तुरंत वन विभाग को सूचित किया। सूचना मिलते ही वन परिक्षेत्र अधिकारी मृत्युंजय शर्मा ने डिप्टी रेंजर अजय कुमार सिदार के नेतृत्व में एक टीम भेजी। टीम ने देर शाम मौके पर पहुंचकर पग चिह्न का निरीक्षण किया, जो करीब 15 सेंटीमीटर का था। यह सामान्य वन्य प्राणियों के पग चिह्न से बड़ा होने के कारण बाघ का माना जा रहा है।
वन विभाग की कार्रवाई
वन विभाग की टीम ने चाकामार-कल्दामार के जंगल तक निरीक्षण किया और वहां भी पग चिह्न पाए। फुट प्रिंट तैयार कर उसे जांच के लिए लैब भेजने की तैयारी की जा रही है ताकि वन्य प्राणी की पुष्टि हो सके। संभावना जताई जा रही है कि बाघ चैतुरगढ़ से पुटका पहाड़ के रास्ते करूमौहा के जंगल तक पहुंचा होगा।
वन परिक्षेत्र अधिकारी मृत्युंजय शर्मा ने बताया कि बाघ के कल्दामार जंगल में डेरा डालने की संभावना है। ग्रामीणों को जंगल में न जाने की सलाह दी जा रही है और गांवों में मुनादी कराई जा रही है। इसके अलावा, जंगल में ट्रैप कैमरे लगाने की योजना बनाई गई है ताकि वन्य प्राणी की तस्वीरें कैद की जा सकें।
पहले भी मिले थे पग चिह्न
लगभग दो महीने पहले कटघोरा वनमंडल के पाली वन परिक्षेत्र में जेमरा के पास बाघ के पग चिह्न मिले थे। इसके बाद पखवाड़े भर पहले अजगर बहार और रनई पहाड़ी में भी वन्य प्राणी के निशान मिले थे, जिन्हें बाघ के माना गया था। वन विभाग ने इस क्षेत्र में पहले भी बाघ की मौजूदगी की आशंका जताई थी।
ग्रामीणों में डर का माहौल
बाघ की आमद की खबर से करूमौहा और आसपास के गांवों में दहशत फैल गई है। ग्रामीणों को न केवल अपनी, बल्कि अपने मवेशियों की सुरक्षा की भी चिंता है। वन विभाग ने अलर्ट मोड में काम शुरू कर दिया है और ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी है। जंगल में गश्त बढ़ाने के साथ ही निगरानी के लिए अतिरिक्त कदम उठाए जा रहे हैं।
Editor – Niraj Jaiswal
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