प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना से महासमुंद में 20 हजार महिलाओं को मिला 10 करोड़ से अधिक का लाभ

सशक्त मां – स्वस्थ भारत’ के सपने को साकार कर रही योजना, ग्रामीण महिलाओं को मिल रहा आर्थिक सहारा

रायपुर। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) ‘सशक्त मां – स्वस्थ भारत’ के विजन को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। यह योजना मातृत्व और बाल कल्याण को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है। छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में इस योजना के तहत अब तक 20,357 महिलाओं को 10 करोड़ 17 लाख 85 हजार रुपये की सहायता राशि दी जा चुकी है।

योजना के तहत आर्थिक सहायता

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत पहली बार मां बनने वाली महिलाओं को दो किस्तों में 5,000 रुपये की आर्थिक मदद दी जाती है। पहली किस्त के रूप में गर्भावस्था के पहले छह माह में 3,000 रुपये और दूसरी किस्त के रूप में प्रसव के बाद बच्चे के जन्म पंजीकरण और 14 सप्ताह के टीकाकरण के बाद 2,000 रुपये प्रदान किए जाते हैं। इसके अतिरिक्त, यदि दूसरा बच्चा लड़की है, तो 6,000 रुपये की एकमुश्त सहायता दी जाती है।

जिला कार्यक्रम अधिकारी के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023-24 से 2025-26 तक महासमुंद जिले में 20,357 हितग्राहियों को डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से सहायता राशि वितरित की गई है, जिसमें 3,282 बैकलॉग मामले भी शामिल हैं।

गायत्री देवांगन की कहानी

महासमुंद के इमली भाठा की रहने वाली गायत्री देवांगन इस योजना की एक लाभार्थी हैं। उनके पति एक वेल्डर हैं और परिवार की आय सीमित है। गायत्री को PMMVY के तहत 5,000 रुपये की सहायता राशि मिली, जिसका उपयोग उन्होंने अपने और अपने नवजात बच्चे के पोषण और स्वास्थ्य के लिए किया। इसके अलावा, उन्हें राज्य सरकार की कौशल्या मातृत्व सहायता योजना के तहत दूसरी बार गर्भवती होने पर 6,000 रुपये की अतिरिक्त सहायता भी प्राप्त हुई। गायत्री ने आंगनबाड़ी केंद्र से जुड़कर अन्य महिलाओं को भी इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए प्रेरित किया।

पंजीकरण की प्रक्रिया

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का लाभ लेने के लिए महिलाएं वेबसाइट pmmvy.gov.in पर लॉगिन कर अपनी जानकारी और दस्तावेज अपलोड करके ऑनलाइन आवेदन कर सकती हैं। आवेदन में नजदीकी आंगनबाड़ी केंद्र का विवरण देना होता है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका या आशा कार्यकर्ता द्वारा दस्तावेजों का सत्यापन किया जाता है। इसके अलावा, महिलाएं किसी भी आंगनबाड़ी केंद्र या विकास भवन में जिला कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय से संपर्क कर आवेदन की जानकारी प्राप्त कर सकती हैं।

योजना का प्रभाव

यह योजना ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं के लिए एक बड़ा सहारा बन रही है। मातृ और शिशु स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के साथ-साथ यह योजना महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में भी मदद कर रही है। छत्तीसगढ़ में इस योजना के प्रभावी कार्यान्वयन से हजारों परिवारों को लाभ मिल रहा है, जिससे ‘स्वस्थ भारत’ के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान मिल रहा है।