कटघोरा वन मंडल में पौधारोपण के नाम पर करोड़ों का घोटाला, वन विभाग की मिलीभगत उजागर

कोरबा।कटघोरा वन मंडल में पौधारोपण के नाम पर भ्रष्टाचार का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। पसान रेंज के सेमरा में कक्ष क्रमांक पी-221 में मिश्रित पौधारोपण के नाम पर लाखों-करोड़ों रुपये के गबन का मामला सामने आया है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, इस क्षेत्र में 5-6 साल पहले भी पौधारोपण हो चुका है, जिसके लिए बाड़बंदी भी की गई थी। इसके बावजूद, कैम्पा मद के तहत उसी स्थान पर दोबारा पौधारोपण और सुरक्षा घेरा लगाने का काम शुरू किया गया है, जो बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े की ओर इशारा करता है।

सूत्रों का दावा है कि पसान रेंज के पिपरिया और सीपतपारा में पहले हुए पौधारोपण घोटाले में 45 लाख रुपये से अधिक की रिकवरी तत्कालीन एसडीओ बंजारे और अन्य कर्मचारियों से की गई थी। इसके बावजूद, उसी रेंज में डिप्टी रेंजर और अन्य कर्मचारियों द्वारा रेंजर की जानकारी में एक और घोटाले की स्क्रिप्ट लिखी जा रही है।

विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से यह खेल चल रहा है, जिसमें डीएफओ को या तो जानकारी नहीं दी जा रही या इसे छिपाया जा रहा है।

फ्लाई ऐश की जगह लाल ईंट, खाद के नाम पर मिट्टी

भ्रष्टाचार का आलम यह है कि चौकीदार कक्ष के निर्माण में फ्लाई ऐश की बजाय लाल ईंट और मिट्टी का उपयोग किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, डिप्टी रेंजर, जो बिलासपुर में रहते हैं और कभी-कभार ही कार्यस्थल पर आते हैं, इस कार्य की देखरेख कर रहे हैं। इसके अलावा, सिंचित रोपणी के लिए डीएपी और नीम खली के नाम पर सैकड़ों बोरियों में मिट्टी की आपूर्ति की गई है। यदि इन बोरियों की जांच की जाए, तो खाद के बजाय मिट्टी निकलने का दावा किया जा रहा है।

बिना बिजली के बोर खनन, बेकार पड़े हैं पौधे

सेमरा में सिंचित रोपणी के लिए नया बोर खुदवाया गया है, लेकिन क्षेत्र में 2 किलोमीटर के दायरे में न बिजली है न पानी। ऐसे में बोर का उपयोग कैसे होगा, यह सवाल अनुत्तरित है। पहले पिपरिया और सीपतपारा में भी डेढ़ दर्जन से अधिक बोर बिना बिजली के खुदवाए गए थे, जिनका टेस्टिंग किराए के जनरेटर से किया गया, लेकिन वे आज तक चालू नहीं हुए।

दोबारा पौधारोपण पर सवाल

कैम्पा मद के तहत 10 साल के भीतर उसी स्थान पर दोबारा पौधारोपण और बाड़बंदी का काम करोड़ों रुपये के फ्रॉड की ओर इशारा करता है। सूत्रों का कहना है कि यह सब कुछ दिखावे के लिए किया जा रहा है, ताकि बाकी राशि का गबन किया जा सके। जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का “एक पेड़ मां के नाम” अभियान जोर-शोर से चल रहा है, वहीं वन विभाग बरसात के मौसम में पौधारोपण के नाम पर भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहा है।

कार्यवाही में ढील, भ्रष्टाचारियों का हौसला बुलंद

कटघोरा वन मंडल में बार-बार उजागर हो रहे भ्रष्टाचार के मामलों में जांच के बाद भी ठोस कार्यवाही न होने से दो चार कर्मचारियों और अधिकारियों का हौसला बढ़ा हुआ है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि वन मंत्री से लेकर शीर्ष अधिकारियों तक को इन गड़बड़ियों की जानकारी है, लेकिन ढीलाढाला रवैया अपनाया जा रहा है। इसकी वजह से भ्रष्टाचार के नए-नए मामले सामने आ रहे हैं, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हो रहा है।