कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन ने 11 सूत्रीय मांगों को लेकर निकाली रैली, 22 अगस्त को हड़ताल की चेतावनी

कोरबा। छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन की जिला इकाई ने 11 सूत्रीय मांगों को लेकर बुधवार को कोरबा में विशाल रैली निकाली। रैली में विभिन्न विभागों के कर्मचारी, अधिकारी और संघ के पदाधिकारी शामिल हुए। मांगों के समर्थन में नारेबाजी करते हुए रैली तानसेन चौक से शुरू होकर कलेक्टर कार्यालय पहुंची, जहां मुख्यमंत्री के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया। फेडरेशन ने मांगें पूरी न होने पर 22 अगस्त को एक दिवसीय सामूहिक अवकाश लेकर धरना-प्रदर्शन की चेतावनी दी है।

रैली से प्रभावित हुआ विभागीय कामकाज

रैली दोपहर 3 बजे के बाद शुरू हुई, जिसमें बड़ी संख्या में कर्मचारी और अधिकारी शामिल हुए। इससे कई सरकारी विभागों के कार्य प्रभावित हुए और आम लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ा। रैली में पीपीएस राठौर, तरुण राठौर, एसएन शिव, आरके पांडे, कृति लहरे, प्रवीण कुमार, अजय जायसवाल, नित्यानंद यादव, तुमेश्वर राठौर, अंजु सिंह सोमवंशी, ओमप्रकाश गबेल, संजय सिंह चंदेल, गोरे लाल साहू, कमलेश साहू सहित विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे। जिले के अन्य विकासखंडों में भी फेडरेशन ने ज्ञापन सौंपा।

ये हैं 11 सूत्रीय मांगें

फेडरेशन ने अपनी मांगों में शामिल प्रमुख बिंदुओं को रेखांकित किया:

कर्मचारियों और पेंशनरों को केंद्र के समान महंगाई भत्ता (डीए) प्रदान किया जाए।

जुलाई 2019 से लंबित महंगाई भत्ते की एरियर्स राशि का जीपीएफ खाते में समायोजन।

पिंगुआ कमेटी की वेतन विसंगति और अन्य मुद्दों की रिपोर्ट को सार्वजनिक करना।

चार स्तरीय समयमान वेतन (8, 16, 24 और 30 वर्ष की सेवा के बाद) लागू करना।

सहायक शिक्षक और सहायक पशु चिकित्सा अधिकारियों के लिए तृतीय समयमान वेतनमान की स्वीकृति।

कर्मचारियों के लिए कैशलेस चिकित्सा सुविधा।

अनुकंपा नियुक्ति के लिए स्थायी आदेश और नि:शर्त लागू करना।

शासकीय सेवकों को 300 दिन के अर्जित अवकाश का नकदीकरण।

पुरानी पेंशन योजना के लिए एनपीएस कटौती तिथि से सेवा गणना।

सभी विभागों में सेटअप पुनरीक्षण और कर्मचारी-अधिकारी कमी को दूर करना, सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष करना।

कार्यरत, कार्यभारित, संविदा और दैनिक वेतन कर्मचारियों का नियमीकरण और नियमित पदस्थापना।

सरकार को चेतावनी

फेडरेशन के पदाधिकारियों ने कहा कि प्रदेश सरकार को इन मांगों से अवगत कराया गया है, लेकिन समय पर कार्रवाई न होने पर 22 अगस्त को कर्मचारी और अधिकारी सामूहिक अवकाश लेकर धरना-प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने मांगों को जल्द पूरा करने की मांग की ताकि कर्मचारियों और पेंशनरों को उनका हक मिल सके।