राशन दुकान घोटाला: सतरेंगा में चना वितरण में गबन का आरोप

कोरबा। ग्राम पंचायत सतरेंगा में शासकीय उचित मूल्य की दुकान (PDS) में चना वितरण को लेकर बड़ा घोटाला सामने आया है। दुकान संचालक धनसाय पर आरोप है कि उन्होंने गरीब हितग्राहियों को चना वितरण में भारी अनियमितता बरती है। ग्रामीणों का कहना है कि मार्च 2025 में प्रति राशन कार्ड 10 पैकेट चना वितरण का रिकॉर्ड दिखाया गया, जबकि वास्तव में केवल 4 पैकेट ही दिए गए। शेष 6 पैकेट चना के गबन का आरोप लगाया जा रहा है।

ग्रामीणों में आक्रोश, उग्र आंदोलन की चेतावनी

इस अनियमितता की जानकारी सामने आने के बाद सतरेंगा के ग्रामीणों में भारी नाराजगी और असंतोष फैल गया है। हितग्राहियों का कहना है कि उन्हें समय पर और पूरा राशन नहीं मिल रहा, जिससे उनकी रोजमर्रा की जरूरतें प्रभावित हो रही हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से मामले की गहन जांच की मांग की है और चेतावनी दी है कि यदि तत्काल कार्रवाई नहीं हुई, तो वे उग्र आंदोलन करेंगे। एक ग्रामीण ने कहा, “शासकीय राशन प्रणाली में इस तरह की लापरवाही से गरीबों का हक छीना जा रहा है। यह सरकारी योजनाओं की विश्वसनीयता को खत्म कर रहा है।”

चना आपूर्ति में कटौती की समस्या

कोरबा जिले में चना वितरण में कटौती की समस्या पिछले कुछ महीनों से देखी जा रही थी। बताया जा रहा है कि शासन स्तर पर चना आपूर्ति के लिए नए वितरक से अनुबंध न हो पाने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई थी। हालांकि, नवंबर 2024 से मार्च 2025 तक का चना मार्च 2025 में एक साथ शासकीय उचित मूल्य की दुकानों को आवंटित किया गया। इसके बावजूद, सतरेंगा के PDS संचालक पर आरोप है कि उन्होंने 5 महीने के लिए निर्धारित 10 पैकेट चना के बजाय केवल 4 पैकेट वितरित किए और बाकी का गबन कर लिया।

प्रशासन की चुप्पी पर सवाल

ग्रामीणों ने प्रशासन की लापरवाही पर भी सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि इस तरह की अनियमितताएं सरकारी योजनाओं की साख को कमजोर कर रही हैं। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और खाद्य विभाग से मांग की है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच की जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो।

यह घोटाला न केवल सतरेंगा बल्कि कोरबा जिले की अन्य राशन दुकानों में भी व्यवस्था की खामियों को उजागर करता है। ग्रामीणों ने मांग की है कि राशन वितरण प्रणाली को पारदर्शी बनाया जाए और हितग्राहियों को उनका पूरा हक मिले। प्रशासन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन इस मामले ने स्थानीय स्तर पर व्यापक चर्चा छेड़ दी है।