गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने पोड़ी-उपरोड़ा में उठाई किसानों और जनपद सदस्यों के हक की आवाज

कोरबा।गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) ने पोड़ी-उपरोड़ा के अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के हस्ताक्षर युक्त एक मांग पत्र सौंपा है। इस मांग पत्र में जनपद पंचायत पोड़ी-उपरोड़ा की विभिन्न समस्याओं और जनपद सदस्यों के अधिकारों की रक्षा के लिए तत्काल कार्रवाई की मांग की गई है।

पार्टी ने चेतावनी दी है कि यदि सात दिनों के भीतर समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, तो वे जनपद पंचायत कार्यालय के सामने धरना-प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे, जिसकी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।

प्रमुख मांगें:

वन अधिकार पत्रक: किसानों द्वारा पूर्वजों से काबिज भूमि का वन अधिकार पत्रक तत्काल प्रदान करने की मांग, ताकि किसानों को शासकीय योजनाओं का लाभ मिल सके।

15वें वित्त आयोग की राशि: जनपद पंचायत पोड़ी-उपरोड़ा के सभी सदस्यों को 15वें वित्त की राशि बराबर मात्रा में तत्काल वितरित की जाए।

फौती नामांतरण: सभी ग्रामों में शिविर लगाकर फौती नामांतरण का कार्य तुरंत पूरा किया जाए, जिससे किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिले।

टोल टैक्स में छूट: चोटिया टोल नाका में 60 किमी के दायरे के वाहनों को टोल टैक्स में तत्काल छूट प्रदान की जाए।

रेल कॉरिडोर मुआवजा: रेल कॉरिडोर से प्रभावित शेष किसानों को बकाया मुआवजे की राशि जांच के बाद तत्काल दी जाए।

जलभराव की समस्या: रावा, नगोई, जटगा, मातिन, और सासिन में रेलवे लाइन के कारण होने वाले जलभराव की तत्काल निकासी की जाए।

सड़क निर्माण: लेंगा से सेमरा तक जिल्दा परिवर्तित मार्ग का निर्माण तत्काल शुरू किया जाए।

पार्टी ने अनुविभागीय अधिकारी से निवेदन किया है कि उपरोक्त मांगों पर सात दिनों के भीतर कार्रवाई की जाए। जीजीपी के नेताओं ने कहा कि यह मांग पत्र क्षेत्र के किसानों और जनपद सदस्यों के हितों की रक्षा के लिए है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यदि समय पर कार्रवाई नहीं हुई, तो वे धरना-प्रदर्शन जैसे कदम उठाने को बाध्य होंगे।

इस मांग पत्र के माध्यम से गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने एक बार फिर आदिवासी और ग्रामीण समुदाय के हक की लड़ाई को मजबूती से उठाने का प्रयास किया है। स्थानीय लोग और जनप्रतिनिधि इस मांग पत्र का समर्थन कर रहे हैं और प्रशासन से जल्द कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं।