अंधविश्वास में 3 वर्षीय बालक की बलि, आरोपी गिरफ्तार, खोपड़ी बरामद

बलरामपुर। सामरी थाना क्षेत्र में अंधविश्वास के चलते एक तीन वर्षीय बालक अजय नगेसिया की निर्मम हत्या का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पुलिस ने इस जघन्य अपराध के आरोपी राजू कोरवा (40) को गिरफ्तार कर लिया है, जो ग्राम पंचायत चटनिया के कटईडीह का निवासी है।

आरोपी ने अपने बेटे की मिर्गी और मानसिक कमजोरी ठीक करने के लिए तंत्र-मंत्र के चक्कर में बच्चे की बलि दे दी थी। पुलिस ने आरोपी के कबूलनामे के आधार पर बालक की खोपड़ी बरामद की है, जबकि शव के अन्य हिस्सों को जलाने की बात सामने आई है।

घटना 1 अप्रैल 2024 की है, जब सामरी थाना क्षेत्र के ग्राम सबाग सुलुंगडीह निवासी बिरेन्द्र नगेसिया (24) अपने परिवार के साथ झलबासा जंगल में महुआ फूल इकट्ठा करने गया था। उसी दौरान उसका तीन वर्षीय बेटा अजय नगेसिया लापता हो गया। बिरेन्द्र की शिकायत पर पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज कर जांच शुरू की।

जांच के दौरान राजू कोरवा संदेही के रूप में सामने आया, जो झाड़-फूंक का काम करता था। उसने बच्चे के परिवार को गुमराह करते हुए कहा था कि “बड़ा पूजा” करने पर बालक मिल जाएगा।

लगातार पुलिस की निगरानी और मुखबिरों से मिली सूचना के आधार पर राजू से सख्ती से पूछताछ की गई। अंततः उसने अपराध कबूल लिया। राजू ने बताया कि वह अपने बेटे की बीमारी ठीक करने के लिए अंधविश्वास में पड़ गया था।

उसने मिठाई और बिस्किट का लालच देकर अजय को अपने घर ले गया और चाकू से उसकी गर्दन काटकर हत्या कर दी। शव के हिस्सों को बोरे में भरकर बोड़ादह कोना नाले में जला दिया और सिर को तीन दिन तक अपने घर में छिपाकर रखा। बाद में, जब बच्चे के स्वजन उसे खोजने लगे, तो उसने सिर को कपड़े में लपेटकर नाले के पास गड्ढे में दफना दिया।

पुलिस ने तहसीलदार सामरी की उपस्थिति में गड्ढे की खुदाई कर खोपड़ीनुमा हड्डी के अवशेष और हत्या में प्रयुक्त चाकू बरामद किया। इस मामले ने स्थानीय समुदाय में दहशत फैला दी है और अंधविश्वास के खिलाफ जागरूकता की आवश्यकता को उजागर किया है। पुलिस ने आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है और आगे की जांच जारी है।