कोरबा-कुसमुंडा की फोर लेन सड़क बनी आफत: भारी वाहनों का अड्डा, यातायात पुलिस की लापरवाही से बढ़ रहीं दुर्घटनाएं

कोरबा। कोरबा-कुसमुंडा को फोर लेन सड़क की सौगात तो मिली, लेकिन यह सड़क अब स्थानीय लोगों के लिए मुसीबत बन गई है। यातायात पुलिस की कथित मिलीभगत और लापरवाही के चलते फोर लेन सड़क भारी वाहनों का अड्डा बन गई है, जिससे सड़क दुर्घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।

सड़क चौड़ीकरण का उद्देश्य विफल

वर्षों से कोरबा-कुसमुंडा मार्ग पर सड़क की संकीर्णता के कारण होने वाली दुर्घटनाओं में कई लोगों की जान जा चुकी थी। इसे रोकने के लिए फोर लेन सड़क का निर्माण किया गया, लेकिन यह सड़क अब भारी वाहनों के अवैध पार्किंग स्थल में तब्दील हो गई है। सड़क किनारे खड़े भारी वाहन यातायात में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा और बढ़ गया है।

यातायात पुलिस पर लापरवाही का आरोप

स्थानीय लोगों का आरोप है कि यातायात पुलिस केवल चारपहिया वाहनों की जांच और चालान वसूली में व्यस्त रहती है, जबकि सड़क किनारे खड़े भारी वाहनों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती। कहा जा रहा है कि भारी वाहनों के मालिकों की रसूख और आर्थिक ताकत के चलते पुलिस इन पर कार्रवाई करने से कतराती है। इसके बजाय, छोटे वाहनों पर चालान काटकर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली जाती है।

जिला प्रशासन की चुप्पी

जिला प्रशासन ने भी इस समस्या पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। न तो सड़क किनारे भारी वाहनों की अवैध पार्किंग पर कार्रवाई के लिए कोई स्पष्ट आदेश जारी किया गया है और न ही ऐसे वाहनों को जब्त करने या नीलाम करने जैसे कड़े निर्देश दिए गए हैं। स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि यातायात पुलिस भारी वाहनों पर ध्यान केंद्रित करे और सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता दे।

जनता में आक्रोश

कोरबा-कुसमुंडा के लोग इस स्थिति को “अंधेर नगरी चौपट राजा” की संज्ञा दे रहे हैं। सड़क सुरक्षा और यातायात व्यवस्था में सुधार की उम्मीद लिए स्थानीय लोग लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं। अब सवाल यह है कि जिला प्रशासन और यातायात पुलिस कब इस समस्या का समाधान करेगी और कब कोरबा-कुसमुंडा की जनता को इस दुर्भाग्य से निजात मिलेगी।