कच्ची सड़क बन रही मरीजों की जान पर खतरा, पॉश इलाके की बदहाल सड़क पर सवाल

कोरबा। शहर के कोसाबाड़ी चौक के नजदीक, जहां जिले के दो बड़े निजी अस्पताल, कृष्णा हॉस्पिटल और न्यू कोरबा हॉस्पिटल, मंगलम विहार कॉलोनी और अन्य प्रतिष्ठित प्रतिष्ठान स्थित हैं, वहां पहुंचने वाली सड़क की हालत गांव की कच्ची सड़कों से भी बदतर है।

यह सड़क न तो कभी सीसी रोड बनी और न ही डामर की। मलबा डालकर इसे पाटने की कोशिशों ने इसे और खराब कर दिया है।

इस सड़क की बदहाली मरीजों के लिए जानलेवा साबित हो रही है। गड्ढों भरी यह सड़क मरीजों, खासकर डिलीवरी मरीजों, बुजुर्गों और अस्थिरोगियों के लिए जोखिम भरी है।

मरीजों को अस्पताल ले जाते समय हिचकोलों के कारण उनकी हालत और बिगड़ने का डर रहता है। आम लोग भी इस रास्ते से गुजरते समय परेशान होते हैं।

यह इलाका नगर निगम के अंतर्गत आता है, लेकिन दो सरकारें बदलने के बावजूद सड़क की स्थिति जस की तस है।

सवाल उठता है कि आखिर इस सड़क को बनवाने की जिम्मेदारी किसकी है? क्या अस्पतालों और कॉलोनी डेवलपरों ने नगर निगम की शर्तों का उल्लंघन किया है?

प्रशासन, निगम और जनप्रतिनिधियों को इस समस्या की पूरी जानकारी है, फिर भी कोई पहल नहीं हुई। वर्षों पहले न्यू कोरबा हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. एस. चंदानी ने एक घटना के बाद सड़क को समतल करवाया था, लेकिन उसके बाद इस ओर ध्यान नहीं दिया गया।

स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि नगर निगम और प्रशासन इस सड़क को जल्द से जल्द पक्का करवाए, ताकि मरीजों और आम लोगों को राहत मिले। सवाल बरकरार है कि इस सड़क को बनाएगा कौन?