कोरबा में कोल इंडिया के 20 हजार पेंशनर्स को जून 2025 की पेंशन नहीं मिली, कोयला मंत्रालय को पत्र

कोरबा जिले में कोल इंडिया की सहायक कंपनी साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) सहित अन्य सहायक कंपनियों के करीब 20 हजार सेवानिवृत्त कर्मचारियों को जून 2025 का पेंशन भुगतान अब तक नहीं हो सका है। इससे प्रभावित कोल पेंशनर्स में भारी नाराजगी देखी जा रही है। पेंशनर्स संबंधित बैंक शाखाओं के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन न तो बैंकों और न ही कोयला खान भविष्य निधि संगठन (सीएमपीएफओ) की ओर से कोई स्पष्ट जवाब मिल रहा है।

ऑल इंडिया एसोसिएशन ऑफ कोल एक्जीक्यूटिव ने उठाया मुद्दा

ऑल इंडिया एसोसिएशन ऑफ कोल एक्जीक्यूटिव (एआईएसीई) ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कोयला मंत्रालय के सचिव को पत्र लिखकर तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। एआईएसीई के प्रधान महासचिव पीके सिंह राठौर ने बताया कि कोयला खान पेंशन योजना 1998 (सीएमपीएस-1998) के तहत सेवानिवृत्त कोयला कर्मचारियों को सीएमपीएफओ द्वारा पेंशन भुगतान किया जाता है। इसके लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) को नोडल बैंक के रूप में नियुक्त किया गया है, साथ ही अन्य बैंकों के माध्यम से भी पेंशन वितरित की जाती है।

एसबीआई खाताधारकों को पेंशन, अन्य बैंक वालों को इंतजार

राठौर ने बताया कि जिन पेंशनर्स के खाते एसबीआई में हैं, उन्हें जून माह की पेंशन प्राप्त हो चुकी है। हालांकि, जिन पेंशनर्स के खाते अन्य बैंकों में हैं, उनमें से अधिकांश को अब तक पेंशन नहीं मिली है। इससे कोल इंडिया के लगभग 20 हजार पेंशनर्स प्रभावित हैं। सामान्यतः प्रत्येक माह की एक या दो तारीख तक पेंशनर्स के खातों में पेंशन जमा हो जाती है, लेकिन इस बार असामान्य देरी हुई है।

कोयला मंत्रालय से हस्तक्षेप की मांग

एआईएसीई ने कोयला मंत्रालय के सचिव को लिखे पत्र में मांग की है कि संबंधित बैंकों की नोडल शाखाओं से तत्काल हस्तक्षेप कर प्रभावित पेंशनर्स को पेंशन भुगतान सुनिश्चित किया जाए। राठौर ने कहा कि इस देरी से पेंशनर्स को भारी असुविधा हो रही है और वे बैंकों के चक्कर काटने को मजबूर हैं। सीएमपीएफओ और संबंधित बैंकों की ओर से कोई ठोस जवाब न मिलने से पेंशनर्स में नाराजगी बढ़ रही है।

पेंशनर्स की परेशानी

प्रभावित पेंशनर्स ने बताया कि पेंशन उनकी आजीविका का प्रमुख स्रोत है, और भुगतान में देरी से उनकी आर्थिक स्थिति पर असर पड़ रहा है। कई पेंशनर्स ने इस मुद्दे को लेकर स्थानीय स्तर पर भी शिकायतें दर्ज की हैं, लेकिन समाधान नहीं हो सका है। एआईएसीई ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र ही इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो वे आगे की कार्रवाई के लिए बाध्य होंगे।

कोयला मंत्रालय और सीएमपीएफओ से इस मामले में त्वरित कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है, ताकि पेंशनर्स को उनकी बकाया पेंशन जल्द से जल्द प्राप्त हो सके।