भारतमाला प्रोजेक्ट की फोर-लेन सड़क की गुणवत्ता पर सवाल, बारिश ने खोली पोल

कोरबा।भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत कोरबा जिले में निर्माणाधीन फोर-लेन सड़क की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। हाल की बारिश ने सड़क के कई हिस्सों, खासकर तरदा मुख्य मार्ग, को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया है। सड़क के किनारे और मुख्य हिस्सों में दरारें और गड्ढे उभर आए हैं, जिससे स्थानीय लोग हैरान हैं और निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर सवाल उठा रहे हैं। एक वायरल वीडियो में लोग निर्माण एजेंसी और अधिकारियों की लापरवाही की कड़ी आलोचना कर रहे हैं।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि सड़क पर अभी वाहनों का आवागमन पूरी तरह शुरू नहीं हुआ है और निर्माण कार्य भी अधूरा है, फिर भी सड़क की हालत खराब हो चुकी है। लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि समय रहते मरम्मत और गुणवत्ता सुधार पर ध्यान नहीं दिया गया, तो भविष्य में बड़े हादसे हो सकते हैं। तरदा मुख्य मार्ग के अलावा, जिले में बन रही अन्य सड़कों पर भी ऐसी ही समस्याएं देखने को मिल रही हैं।

धूल और जाम ने बढ़ाई परेशानी

सड़क निर्माण के दौरान धूल और जाम की समस्या ने स्थानीय लोगों और राहगीरों को परेशान कर रखा है। खासकर चांपा मुख्य मार्ग पर बारिश के मौसम में बार-बार जाम की स्थिति बन रही है, जिससे आवागमन में भारी असुविधा हो रही है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप स्टेटस के जरिए लोग इस मुद्दे को जोर-शोर से उठा रहे हैं और निर्माण एजेंसी व अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “इतने बड़े प्रोजेक्ट में ऐसी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जिम्मेदार लोगों को जवाब देना होगा।”

भूमि अधिग्रहण और मुआवजे के विवाद

भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत कोरबा में सड़क निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में भूमि अधिग्रहण और मुआवजे से जुड़े विवादों के कारण देरी भी हो रही है। यह परियोजना रायपुर-विशाखापट्टनम कॉरिडोर का हिस्सा है, जिसमें कोरबा के चांपा-कोरबा-कटघोरा मार्ग को शामिल किया गया है। यह सड़क क्षेत्र में आवागमन को सुगम बनाने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है। हालांकि, हालिया घटनाएं निर्माण कार्य की गुणवत्ता और प्रबंधन पर सवाल उठा रही हैं।

स्थानीय लोगों की मांग

स्थानीय लोग और सामाजिक संगठन निर्माण एजेंसी और जिला प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। लोगों ने मांग की है कि सड़क की मरम्मत के साथ-साथ निर्माण कार्य की गुणवत्ता की गहन जांच की जाए। इसके अलावा, निर्माण के दौरान होने वाली असुविधाओं को कम करने के लिए बेहतर प्रबंधन की भी जरूरत है।

जिला प्रशासन और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) से इस मामले पर तत्काल स्पष्टीकरण और कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है, ताकि इस महत्वपूर्ण परियोजना की विश्वसनीयता बनी रहे और क्षेत्र के लोगों को बेहतर सड़क सुविधाएं मिल सकें।