कोरबा।दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (एसईसीआर) ने मानसून के दौरान ट्रेनों की सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए व्यापक तैयारियां की हैं। खासकर पहाड़ी और संवेदनशील इलाकों में ट्रैक पर दुर्घटनाओं की आशंका को देखते हुए मंडल रेल प्रशासन ने विशेष निगरानी व्यवस्था लागू की है।
ट्रैकमेन 24 घंटे पहाड़ी क्षेत्रों में पैदल गश्त कर रहे हैं ताकि ढहान, चट्टान या मलबे के गिरने की आशंका को पहले ही भांपकर रेल संचालन को रोका जा सके। चट्टानी क्षेत्रों में ट्रैक के किनारे मौजूद ढीले पत्थरों को जाली से बांधकर सुरक्षा कवच तैयार किया गया है, जिससे मलबा या पत्थर ट्रैक पर न गिरे। इसके अलावा, पूरे मंडल के कटिंग सेक्शनों में साइड ड्रेन और कैच वाटर ड्रेन की नियमित सफाई की जा रही है ताकि बारिश का पानी ट्रैक पर जमा न हो।
रेलवे प्रशासन ने ट्रैक सर्किट वाले इलाकों में कर्मचारियों को अतिरिक्त सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं। मंडल प्रशासन ने बताया कि मानसून से पहले सभी पुलों, समपार फाटकों, सिग्नल, ओएचई लाइन और संरचनाओं की जांच और मरम्मत पूरी कर ली गई है। यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए रेलवे पूरी तरह से अलर्ट मोड में है।
मोबाइल पेट्रोलिंग और आपातकालीन व्यवस्था
रेलवे ने 15 स्थानों पर स्टेशनरी पेट्रोलिंग और 29 स्थानों पर मोबाइल पेट्रोलिंग की व्यवस्था की है, जहां चौबीसों घंटे निगरानी जारी है। बारिश से संभावित जलभराव से निपटने के लिए 18 अंडरपास में कर्मचारी तैनात किए गए हैं, जो जल स्तर की निगरानी कर रहे हैं।
वहां पंपिंग सेट और जल निकासी उपकरण भी तैयार रखे गए हैं। आपात स्थिति से निपटने के लिए चिन्हित स्टेशनों पर मानसून रिजर्व सामग्री रेल वैगनों पर लोड कर रखी गई है, ताकि ट्रैक को जल्द से जल्द सामान्य किया जा सके।
Editor – Niraj Jaiswal
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