गौठान में लापरवाही से गौवंश की मौत, सभापति ने कहा- यह गौ हत्या, पशु क्रूरता अधिनियम के तहत कार्रवाई की मांग

कोरबा। कोरबा नगर पालिक निगम के कोसाबाड़ी जोन अंतर्गत गोकुल नगर गौठान (कांजी हाउस) में सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की घोर लापरवाही के कारण गौवंश की दयनीय स्थिति और कई मवेशियों की मौत का मामला सामने आया है। गौठान में न तो चारा उपलब्ध था और न ही पानी, जिसके चलते मवेशी भूख-प्यास से मरणासन्न अवस्था में पाए गए। इस मामले ने स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं।

युवा अधिवक्ता अब्दुल नफीस खान ने गौठान की बदहाल स्थिति को देखकर इसका वीडियो बनाया और नगर निगम के सभापति नूतन सिंह ठाकुर को सूचित किया। सभापति के साथ धर्मसेना के पदाधिकारी सुरेंद्र बहादुर सिंह, पार्षद रामकुमार साहू, रवि सिंह चंदेल, हिंदू संगठन के राणा मुखर्जी और गौ सेवक अक्षत शर्मा मौके पर पहुंचे। गौठान का मेन गेट ताला बंद था, जिसे पास की एक महिला ने खोला। केयरटेकर का कोई अता-पता नहीं था।

अधिकारियों ने लिया जायजा, चौंकाने वाले खुलासे

सभापति की सूचना पर आयुक्त आशुतोष पांडेय, अपर आयुक्त, चारा प्रभारी अनिरुद्ध सिंह, स्वच्छता अधिकारी डॉ. संजय तिवारी, जोन प्रभारी भूषण उरांव और अन्य अधिकारी गौठान पहुंचे। निरीक्षण में पता चला कि गौठान में कोई रजिस्टर नहीं था, जिसमें मवेशियों की संख्या, चारा-पानी या नीलामी का रिकॉर्ड हो। गौसेवकों ने आशंका जताई कि गौठान से मवेशियों की तस्करी की संभावना हो सकती है, क्योंकि महीनों से नीलामी या मवेशियों को उनके मालिकों को सौंपने की कोई प्रक्रिया नहीं हुई। निरीक्षण के दौरान करीब 250 गौवंश पाए गए, जबकि दावा किया गया कि यह संख्या हजार तक हो सकती थी।

भूख-प्यास से मवेशियों की मौत, कुत्ते नोंच रहे शव

गौठान का दृश्य हृदय विदारक था। एक मृत बछड़े को कुत्ता नोंचता हुआ मिला, जबकि आधा दर्जन मवेशी मरणासन्न हालत में थे। स्थानीय लोगों ने बताया कि हर दो-तीन दिन में भूख-प्यास से एक-दो गायों की मौत हो रही है। सुरक्षा के अभाव में आवारा कुत्ते गौठान में घुसकर बछड़ों का शिकार कर रहे हैं। तत्काल उपचार शुरू किया गया, लेकिन स्थिति गंभीर बनी हुई है।

कर्मचारियों को नहीं मिला वेतन

पूछताछ में पता चला कि गौठान के प्रभारी रसीद खान ने मवेशियों की देखभाल के लिए कुछ कर्मचारी रखे थे, लेकिन उन्हें छह महीने से वेतन नहीं मिला। इसके चलते कर्मचारियों ने काम छोड़ दिया। पशु चिकित्सक ने बताया कि वह हर 15 दिन में गौठान का दौरा करते हैं, लेकिन नियमित देखभाल का अभाव साफ दिखाई दिया।

सभापति की चेतावनी: होगी कड़ी कार्रवाई

सभापति नूतन सिंह ठाकुर ने इस लापरवाही को “गौ हत्या” करार देते हुए कहा कि यह क्रूरता अक्षम्य है। उन्होंने दोषी अधिकारियों, कर्मचारियों, ठेकेदारों और लेबर सप्लायर के खिलाफ पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 के तहत कड़ी कार्रवाई की मांग की। सभापति ने चेतावनी दी कि यदि कार्रवाई नहीं हुई, तो वे सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे। इसके बाद नगर निगम के अधिकारी सिविल लाइन थाने पहुंचे और समाचार लिखे जाने तक एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया जारी थी।

भ्रष्टाचार का आरोप, होगी जांच

गौठान के लिए नगर निगम के खाते से चारा-पानी की राशि निकाली जा रही थी, लेकिन इसका दुरुपयोग होने का संदेह है। सभापति और गौसेवकों ने भ्रष्टाचार की आशंका जताई है और इसकी गहन जांच की मांग की है। यह मामला न केवल प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करता है, बल्कि गौवंश संरक्षण के सरकारी दावों पर भी सवाल उठाता है।