आछिमार में वन विभाग की टीम पर जानलेवा हमला, डिप्टी रेंजर और महिला वन कर्मी घायल

कोरबा जिले के आछिमार गांव में बुधवार को वन विभाग की टीम पर जानलेवा हमला हुआ, जिसमें डिप्टी रेंजर प्रमोद कुमार निर्गुण और महिला वन कर्मी उर्मिला मार्को गंभीर रूप से घायल हो गए। यह हमला तब हुआ जब वन विभाग की टीम नर्सरी के लिए जमीन का सर्वे करने पहुंची थी। हमलावर पिता-पुत्र ने डिप्टी रेंजर के साथ मारपीट की और महिला वन कर्मी को दौड़ाया, जिससे उन्हें भागकर अपनी जान बचानी पड़ी।

जानकारी के अनुसार, वन विभाग की टीम कोरबा रेंज के अंतर्गत आछिमार गांव में सीएफ प्लांटेशन के लिए सर्वे कर रही थी। टीम में शामिल डिप्टी रेंजर प्रमोद कुमार निर्गुण के साथ पिता-पुत्र की जोड़ी ने बुरी तरह मारपीट की, जिससे उनके हाथ और शरीर के अन्य हिस्सों में चोटें आईं। महिला वन कर्मी उर्मिला मार्को को भी हमलावरों ने दौड़ाया, लेकिन वे किसी तरह मौके से भागकर अपनी जान बचाने में सफल रहीं। इस दौरान एसईसीएल की एक टीम भी मौके पर मौजूद थी, लेकिन हमलावरों के सामने किसी ने हस्तक्षेप करने की हिम्मत नहीं दिखाई।

कोरबा रेंजर मृत्युंजय शर्मा ने बताया कि हमलावर पिता-पुत्र, छोटूलाल और बाबूलाल, पहले भी उक्त वन भूमि पर अपना कब्जा बताकर विवाद कर चुके हैं। उनके खिलाफ पहले भी नोटिस जारी किया जा चुका है। शर्मा ने कहा, “यह वन विभाग की जमीन है, और सर्वे के दौरान हमलावरों ने शासकीय कार्य में बाधा डाली। डिप्टी रेंजर को चोटें आई हैं, और इसकी शिकायत सिविल लाइन रामपुर थाने में दर्ज कराई गई है।”

हैरानी की बात यह है कि हमले के बाद आरोपी स्वयं थाने पहुंचकर वन कर्मियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की। इस घटना से वन विभाग के कर्मचारियों में भारी आक्रोश है। परिक्षेत्र अधिकारी ने बताया कि उन्होंने रामपुर सिविल लाइन थाने में आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की है और सख्त कार्रवाई की मांग की है।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नितिश ठाकुर ने कहा, “हमें शिकायत प्राप्त हो गई है। जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डालने और मारपीट का मामला दर्ज कर कठोर कार्रवाई की जाएगी।”

इस घटना ने वन विभाग के कर्मचारियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े किए हैं। गौसेवकों और स्थानीय लोगों ने भी इस हमले की कड़ी निंदा की है।