कटघोरा में लिथियम खदान से शहर क्षेत्र सुरक्षित, विस्थापन का खतरा टला


सूचना के अधिकार से मिले नक्शे ने तोड़ी अफवाहों की चेन, केवल 70-80 एकड़ कृषि भूमि होगी प्रभावित, बाकी जंगल और राजस्व भूमि

कोरबा-कटघोरा। कटघोरा-पोड़ी के मध्य क्षेत्र में देश का पहला लिथियम खनिज भंडार मिलने के बाद विस्थापन की आशंकाओं पर अब विराम लग गया है। राज्य शासन द्वारा स्वीकृत Katghora Lithium and REE Block के 256.12 हेक्टेयर क्षेत्र का नक्शा जारी होने से यह स्पष्ट हो गया है कि खदान का इलाका पूरी तरह जंगल में स्थित है और कटघोरा शहर का कोई हिस्सा प्रभावित नहीं होगा।

सूचना का अधिकार के तहत प्राप्त मानचित्र के अनुसार खदान क्षेत्र की सीमा पर केवल ग्राम घरीपखना, घुंचापुर और नवापारा के कुछ हिस्से आ सकते हैं। यहां लगभग 70-80 एकड़ कृषि भूमि के अधिग्रहण की संभावना है, जबकि बाकी भूमि वन और राजस्व की है।

शुरुआत में यह खबर फैल गई थी कि महेशपुर, नवागांव, झाबुकला, रामपुर समेत कटघोरा शहर भी खदान क्षेत्र में आएगा, जिससे लोगों में उजड़ने का डर बढ़ गया था। इस कारण प्रशासन ने इलाके में भूमि खरीदी-बिक्री और रजिस्ट्री पर रोक लगा दी थी। इस बीच कुछ लोगों ने ज्यादा मुआवजे की उम्मीद में जमीन की टुकड़ों में रजिस्ट्री और बटांकन करा लिया।

अब नक्शा सामने आने के बाद शहरवासियों और आसपास के ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है। लोग उम्मीद कर रहे हैं कि जब क्षेत्र प्रभावित नहीं है तो प्रशासन को अब रजिस्ट्री पर लगी रोक हटानी चाहिए।