बिलासपुर।अब नए छात्रों को डिजिटल प्लेटफार्म पर रैगिंग का सामना करना पड़ा तो सीनियर्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने स्पष्ट किया है कि वाट्सएप ग्रुप जैसे इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर मानसिक उत्पीड़न भी रैगिंग की श्रेणी में आएगा। इस संबंध में देशभर के उच्च शिक्षण संस्थानों को नए निर्देश जारी किए गए हैं।
बिलासपुर के गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय, अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय और पं. सुंदरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय सहित जिले के 130 कॉलेजों को इन नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा। यूजीसी को हर साल शिकायतें मिलती थीं कि सीनियर्स नए छात्रों को वाट्सएप ग्रुप में जोड़कर डराते-धमकाते हैं, भद्दे संदेश भेजते हैं, रात में परेशान करते हैं या समूह से निकालने की धमकी देते हैं।
आयोग ने इन मामलों को गंभीरता से लेते हुए शिक्षण संस्थानों से अनौपचारिक वाट्सएप ग्रुप्स की निगरानी करने को कहा है। बिलासपुर में अभी तक डिजिटल रैगिंग के मामले सामने नहीं आए हैं, लेकिन भविष्य में किसी भी तरह की लापरवाही भारी पड़ सकती है। यूजीसी ने चेतावनी दी है कि रैगिंग रोकने में नाकाम रहने वाले संस्थानों का अनुदान रोका जा सकता है।
आयोग ने स्पष्ट किया है कि कैंपस के अंदर या बाहर, ऑफलाइन या ऑनलाइन, किसी भी रूप में रैगिंग बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह कदम छात्रों को सुरक्षित शैक्षणिक माहौल प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
Editor – Niraj Jaiswal
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