छत्तीसगढ़ मंत्रिपरिषद की बैठक: पुलिस, कौशल विकास और शहरीकरण पर महत्वपूर्ण निर्णय

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इनमें पुलिस सेवा संवर्ग के प्रबंधन, जनजातीय और वंचित समुदायों के लिए कौशल विकास, पुराने वाहनों से संबंधित नियमों में संशोधन, स्टार्टअप नीति, और राजधानी क्षेत्र के विकास जैसे प्रमुख मुद्दे शामिल हैं।

प्रमुख निर्णय:

पुलिस सेवा संवर्ग को वरिष्ठ प्रवर श्रेणी वेतनमान:
2005 से 2009 बैच के राज्य पुलिस सेवा अधिकारियों को अर्हकारी सेवा अवधि पूर्ण करने पर वरिष्ठ प्रवर श्रेणी वेतनमान प्रदान करने के लिए 30 सांख्येतर पद सृजित किए गए। इससे पुलिस सेवा का प्रबंधन और सुदृढ़ होगा।

पैन आईआईटी के साथ ज्वाइंट वेंचर:
अनुसूचित जनजाति, अन्य वंचित समुदायों, महिलाओं और तृतीय लिंग के लोगों के लिए संस्थागत व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास और ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देने हेतु छत्तीसगढ़ शासन और पैन आईआईटी एलुमनी रीच फॉर इंडिया फाउंडेशन के बीच गैर-लाभकारी संयुक्त उद्यम कंपनी के गठन को मंजूरी दी गई। यह कंपनी आदिवासी उपयोजना और अनुसूचित जाति उपयोजना के अप्रयुक्त फंड का उपयोग कर आजीविका और सामाजिक-आर्थिक बदलाव के लिए काम करेगी। प्रशिक्षित युवाओं को अंतरराष्ट्रीय बाजार में रोजगार के लिए विदेशी भाषा और कौशल प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा।

पुराने वाहनों पर नियंत्रण और नियम संशोधन:
सड़क दुर्घटनाओं और वायु प्रदूषण को रोकने के लिए छत्तीसगढ़ मोटरयान कराधान अधिनियम-1991 में संशोधन विधेयक को मंजूरी दी गई। साथ ही, छत्तीसगढ़ मोटरयान नियम-1994 में संशोधन के तहत वाहन स्वामी अपने पुराने वाहन के फैंसी या च्वाइस नंबर को नए या अन्य राज्यों से लाए गए उसी श्रेणी के वाहनों में उपयोग कर सकेंगे, बशर्ते आवश्यक शुल्क का भुगतान किया जाए। यह सुविधा केवल नए वाहन पंजीयन या अन्य राज्यों से अनापत्ति प्रमाण पत्र वाले वाहनों पर लागू होगी। शासकीय वाहनों के लिए यह सुविधा निःशुल्क होगी।

छात्र स्टार्टअप और नवाचार नीति:
राज्य के युवाओं को स्टार्टअप और नवाचार के माध्यम से सशक्त बनाने के लिए नई नीति लागू की गई। इसका लक्ष्य 100 तकनीकी संस्थानों के 50,000 छात्रों तक पहुंचना, 500 प्रोटोटाइप्स का समर्थन करना, 500 बौद्धिक संपदा अधिकार फाइल करना और 150 स्टार्टअप्स को इन्क्यूबेट करना है। नीति का फोकस जनजातीय क्षेत्रों में नवाचार केंद्र स्थापित करने और कृषि, हरित ऊर्जा, स्वास्थ्य व विनिर्माण जैसे क्षेत्रों पर है।

राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण:
रायपुर, दुर्ग-भिलाई और नया रायपुर अटल नगर के योजनाबद्ध शहरी विकास के लिए छत्तीसगढ़ राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण की स्थापना के लिए विधेयक को मंजूरी दी गई। यह प्राधिकरण 2031 तक अनुमानित 50 लाख आबादी के लिए प्रभावी भूमि उपयोग, पर्यावरण संरक्षण, और निवेश को बढ़ावा देने के लिए योजनाएं बनाएगा।

अन्य महत्वपूर्ण विधेयक:

छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2025: निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना और संचालन को और प्रभावी बनाने के लिए।

छत्तीसगढ़ कृषि उपज मण्डी (संशोधन) विधेयक, 2025: कृषि उपज मण्डियों के संचालन में सुधार के लिए।

छत्तीसगढ़ माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2025: अंतर्राज्यीय लेनदेन और इनपुट सेवा वितरक नियमों को केंद्र सरकार के वित्त अधिनियम, 2025 के अनुरूप बनाने के लिए।

छत्तीसगढ़ बकाया कर, ब्याज एवं शास्ति निपटान (संशोधन) विधेयक, 2025: छोटे और मध्यम व्यापारियों को प्रोत्साहन और लंबित कर मामलों के शीघ्र निपटान के लिए।

छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता (संशोधन) विधेयक, 2025: नक्शा बंटवारा, अभिलेख अद्यतनीकरण, अवैध प्लाटिंग पर रोक, और नामांतरण प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए।

छत्तीसगढ़ कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2025: विश्वविद्यालय के संचालन में सुधार के लिए।

प्रभाव और महत्व:

ये निर्णय छत्तीसगढ़ में शहरीकरण, शिक्षा, कौशल विकास, और आर्थिक प्रगति को गति देने के लिए महत्वपूर्ण कदम हैं।

विशेष रूप से जनजातीय और वंचित समुदायों के लिए शुरू की गई योजनाएं सामाजिक समावेशन को बढ़ावा देंगी, जबकि राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण और स्टार्टअप नीति से राज्य का शहरी और आर्थिक परिदृश्य मजबूत होगा।